⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

मौन व्याख्यान  [शिक्षदायक कहानी]
Spiritual Story - Spiritual Story (आध्यात्मिक कथा)

एक दिनकी बात है। योगिराज गम्भीरनाथ अपने कपिलधारा पहाड़ीवाले आश्रममें अत्यन्त शान्त और परम गम्भीर मुद्रामें बैठे हुए थे। वे आत्मानन्दके चिन्तनमें पूर्ण निमग्न थे। उसी समय उनके पवित्र दर्शनसे अपने आपको धन्य करनेके लिये कुछ शिक्षित बंगाली सज्जन आ पहुँचे। उन्होंने विनम्रतापूर्वक योगिराजसे उपदेश देनेके लिये निवेदन किया। योगिराजके अधरोंपर मुसकानकी मृदुल शान्ति थी; उनकी दृष्टिमें कल्याणप्रद आशीर्वादका अमृत था; उन्होंने बड़ी आत्मीयतासे उन सज्जनोंको आसन ग्रहण करनेका संकेत किया। सज्जनोंने उपदेशके लिये बड़ा आग्रह किया;

योगिराजकी विनम्रता मुखरित हो उठी- 'वास्तवमें मैंकुछ भी नहीं जानता, आपको मैं क्या उपदेश दूँ।' आगत सज्जन महापुरुषकी विनम्रतासे बहुत ही प्रभावित हुए, पर उनका यह दृढ़ विश्वास था कि बाबा गम्भीरनाथ आध्यात्मिक उन्नतिकी पराकाष्ठापर पहुँचे हुए हैं। अतएव उनके हृदयमें योगिराजके श्रीमुखसे उपदेश श्रवण करनेकी उत्सुकता कम न हो सकी। उन्होंने अपना आग्रह फिर उपस्थित किया और योगिराजने भी विनम्रताके साथ अपने पहले उत्तरको दुहरा दिया। उनके उत्तरमें किसी प्रकारका दम्भ या दिखावा नहीं था; योगिराजने मौन संकेत किया कि 'यदि वे वास्तवमें जिज्ञासु हैं तो मेरे आचरणको देखें तथा सत्य-वस्तु तत्त्वकी खोज अपने भीतर करें।'

-रा0 श्री0



You may also like these:

हिन्दी कहानी विद्यालय और गुरु
बोध कथा रँगी लोमड़ी
आध्यात्मिक कथा किसीका दिल मत दुखाओ
हिन्दी कहानी ईश्वरका सच्चा भक्त
बोध कथा अपराधी कौन
छोटी सी कहानी सोनेका दान
आध्यात्मिक कथा संसारका स्वरूप
हिन्दी कहानी श्रमकी महत्ता


maun vyaakhyaana

ek dinakee baat hai. yogiraaj gambheeranaath apane kapiladhaara pahaada़eevaale aashramamen atyant shaant aur param gambheer mudraamen baithe hue the. ve aatmaanandake chintanamen poorn nimagn the. usee samay unake pavitr darshanase apane aapako dhany karaneke liye kuchh shikshit bangaalee sajjan a pahunche. unhonne vinamrataapoorvak yogiraajase upadesh deneke liye nivedan kiyaa. yogiraajake adharonpar musakaanakee mridul shaanti thee; unakee drishtimen kalyaanaprad aasheervaadaka amrit thaa; unhonne bada़ee aatmeeyataase un sajjanonko aasan grahan karaneka sanket kiyaa. sajjanonne upadeshake liye bada़a aagrah kiyaa;

yogiraajakee vinamrata mukharit ho uthee- 'vaastavamen mainkuchh bhee naheen jaanata, aapako main kya upadesh doon.' aagat sajjan mahaapurushakee vinamrataase bahut hee prabhaavit hue, par unaka yah dridha़ vishvaas tha ki baaba gambheeranaath aadhyaatmik unnatikee paraakaashthaapar pahunche hue hain. ataev unake hridayamen yogiraajake shreemukhase upadesh shravan karanekee utsukata kam n ho sakee. unhonne apana aagrah phir upasthit kiya aur yogiraajane bhee vinamrataake saath apane pahale uttarako duhara diyaa. unake uttaramen kisee prakaaraka dambh ya dikhaava naheen thaa; yogiraajane maun sanket kiya ki 'yadi ve vaastavamen jijnaasu hain to mere aacharanako dekhen tatha satya-vastu tattvakee khoj apane bheetar karen.'

-raa0 shree0

140 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?



Bhajan Lyrics View All

हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये

New Bhajan Lyrics View All

आओ, मईया जी तुम्हें, भोग लगाएँ
भोग लगाएँ, पहले तुम को
वसुदेवी नंदन तुमको वंदन करते है हम आज,
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर रख लेना
जय जय माँ मेरी शेरावाली माँ,
मेरे अंगना मैया मेरे अंगना,
कीर्तन में आये है तो श्याम ने पुकार ले,
बोलकर श्री राधे राधे जीवन संवार ले...
अपने भक्तो के कष्ट मिटाकर,
खुशियां पल में बरसाये,