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Bhagwat Katha Badrinath Bhaishri

Contents of this list:

Mangla Charan In Shrimad Bhagwat Katha..Vakta Shri Rameshbhaiji Oza
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 01 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 02 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 04 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 03 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 05 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 06 BY PP RAMESHBHAI OZAJI

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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



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ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥

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आ जाओ माँ दिल घबराये,
देर ना हो जाये, कही देर ना हो जाये...
मैं तेरे दर पर आई मां जयकारा बोल के,
मैं तेरे दर पर आई मां दुनिया को छोड़
आ श्यामा सानु लोहड़ी दें, ज्यादा दे
दिन होली रात दिवाली जे तू मेहर करे,
हर पल होवे खुशहाली जे तू मेहर करे,
अपार प्रभु माया, माया है तेरी अपार,
अपार प्रभु लीला, लीला है तेरी अपार॥