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दानकी मर्यादा  [शिक्षदायक कहानी]
Spiritual Story - Spiritual Story (Shikshaprad Kahani)

भगवान् गौतम बुद्ध श्रावस्ती में बिहार कर रहे थे। एक दिन विशेष उत्सव था। धर्मकथा श्रवणके लिये विशाल जन समूह उनकी सेवामें उपस्थित था। विशाखा श्री इस धर्म परिषद् में सम्मिलित थी भगवान्के सामने आने के पहले विहारके दरवाजेपर ही उसने अपना महालता प्रसाधन (विशेष आभरण) उतारकर दासीको सौंप दिया था तथागतके सम्मुख पहनकर जाने में उसे बड़ा संकोच था।

धर्म-परिषद् समाप्त होनेपर अपनी सुप्रिया नामकी दासी के साथ विहारमें ही घूमती रही। दासी आभरण भूल गयी।

'विशाखाका महालता-प्रसाधन छूट गया है, भन्ते । ' स्थविर आनन्दने तथागतका आदेश माँगा। परिषद् समाप्त होनेपर भूली वस्तुओंको आनन्द ही सम्हाला करते थे। शास्ताने आभरणको एक ओर रखनेका आदेश दिया।

'आर्य! मेरी स्वामिनीके पहनने योग्य यह अलङ्कार नहीं रह गया है। आपके हाथसे छू गयी वस्तुको ये विहारकी सम्पत्ति मानती हैं।' सुप्रियाने विशाखाके उदार दानकी प्रशंसा की। वह बिहारके दरवाजेपर लौट गयी; विशाखा रथ रोककर उसकी प्रतीक्षा कर रही थी स्थविर आनन्द दासीके कथनसे विस्मित थे। वे विशाखाकी त्यागमयी वृत्ति और विशेष दानशीलतासे प्रसन्न थे।विशाखाने सोचा कि महालता प्रसाधन रखने रखाने में महाश्रमणको विशेष चिन्ता होगी। इसका भिक्षु संघके लिये दूसरी तरहसे भी सदुपयोग हो सकता है। उसने प्रसाधन लौटा दिया।


दूसरे दिन बिहारके दरवाजेके ठीक सामने एक भव्य रथ आ पहुँचा। विशाखा उतर पड़ी। उसने तथागतका अभिवादन किया, बैठ गयी।

“भन्ते, मैंने घरपर सुनारोंको बुलवाया था; प्रसाधनका मूल्य नौ करोड़ उन लोगोंने (गलाने के बाद) निश्चित किया और एक लाख बनवानेका मूल्य लगाया गया। नौ करोड़ एक लाख आपकी सेवामें उपस्थित है।' विशाखाने आदेश माँगा।

'तुम्हारे दानकी मर्यादा स्तुत्य है। बिहारके पूर्व दरवाजेपर संघके लिये वासस्थानका निर्माण उचित है।' शास्ताने विशाखाको धर्मकथा, शील, दान आदिसे समुत्तेजित किया।

भगवान् बुद्धकी प्रसन्नताके लिये विशाखाने भूमि खरीदी और महालता-प्रसाधनके पूरे मूल्यसे भव्य प्रासादका निर्माण कराया। उसकी श्रद्धा धन्य हो गयी। श्रावस्तीकी अत्यन्त धनी रमणीके अनुरूप ही आचरण था उसका दानकी मर्यादाका ज्ञान था उसे।

-रा0 श्री0 (बुद्धचर्या)



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daanakee maryaadaa

bhagavaan gautam buddh shraavastee men bihaar kar rahe the. ek din vishesh utsav thaa. dharmakatha shravanake liye vishaal jan samooh unakee sevaamen upasthit thaa. vishaakha shree is dharm parishad men sammilit thee bhagavaanke saamane aane ke pahale vihaarake daravaajepar hee usane apana mahaalata prasaadhan (vishesh aabharana) utaarakar daaseeko saunp diya tha tathaagatake sammukh pahanakar jaane men use bada़a sankoch thaa.

dharma-parishad samaapt honepar apanee supriya naamakee daasee ke saath vihaaramen hee ghoomatee rahee. daasee aabharan bhool gayee.

'vishaakhaaka mahaalataa-prasaadhan chhoot gaya hai, bhante . ' sthavir aanandane tathaagataka aadesh maangaa. parishad samaapt honepar bhoolee vastuonko aanand hee samhaala karate the. shaastaane aabharanako ek or rakhaneka aadesh diyaa.

'aarya! meree svaamineeke pahanane yogy yah alankaar naheen rah gaya hai. aapake haathase chhoo gayee vastuko ye vihaarakee sampatti maanatee hain.' supriyaane vishaakhaake udaar daanakee prashansa kee. vah bihaarake daravaajepar laut gayee; vishaakha rath rokakar usakee prateeksha kar rahee thee sthavir aanand daaseeke kathanase vismit the. ve vishaakhaakee tyaagamayee vritti aur vishesh daanasheelataase prasann the.vishaakhaane socha ki mahaalata prasaadhan rakhane rakhaane men mahaashramanako vishesh chinta hogee. isaka bhikshu sanghake liye doosaree tarahase bhee sadupayog ho sakata hai. usane prasaadhan lauta diyaa.


doosare din bihaarake daravaajeke theek saamane ek bhavy rath a pahunchaa. vishaakha utar pada़ee. usane tathaagataka abhivaadan kiya, baith gayee.

“bhante, mainne gharapar sunaaronko bulavaaya thaa; prasaadhanaka mooly nau karoda़ un logonne (galaane ke baada) nishchit kiya aur ek laakh banavaaneka mooly lagaaya gayaa. nau karoda़ ek laakh aapakee sevaamen upasthit hai.' vishaakhaane aadesh maangaa.

'tumhaare daanakee maryaada stuty hai. bihaarake poorv daravaajepar sanghake liye vaasasthaanaka nirmaan uchit hai.' shaastaane vishaakhaako dharmakatha, sheel, daan aadise samuttejit kiyaa.

bhagavaan buddhakee prasannataake liye vishaakhaane bhoomi khareedee aur mahaalataa-prasaadhanake poore moolyase bhavy praasaadaka nirmaan karaayaa. usakee shraddha dhany ho gayee. shraavasteekee atyant dhanee ramaneeke anuroop hee aacharan tha usaka daanakee maryaadaaka jnaan tha use.

-raa0 shree0 (buddhacharyaa)

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