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जितना दीखता है, उतना तो आगे बढ़ो  [Hindi Story]
Shikshaprad Kahani - आध्यात्मिक कहानी (Short Story)

जितना दीखता है, उतना तो आगे बढ़ो

एक सीधे-सादे किसानने पहले-पहल लालटेन जलाकर दो मील दूर किसी गाँवमें जानेके लिये यात्रा प्रारम्भ की, परंतु यह क्या? वह चार कदम चलते-न-चलते रुक गया।
किसी जानकार सज्जनने पूछा- क्यों भाई ? रुक क्यों गये?' किसानने कहा-'जाना है दो मील मार्ग दीखता है केवल दस गजतकका। कैसे पूरा पड़ेगा ?'
सज्जनने कहा- 'जितना दीखता है, उतना तो आगे बढ़ो! फिर इतना ही और आगे दीखने लगेगा।'
उनकी बात मानकर किसान अपने लक्ष्यपर पहुँच गया।
आप अपने विवेकके प्रकाशमें जितना सत्य दीखता हो, आचरणमें लाओ, फिर परोक्ष सत्य भी प्रत्यक्ष हो जायेगा।
[स्वामी श्रीअखण्डानन्दजी सरस्वती]



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jitana deekhata hai, utana to aage badha़o

jitana deekhata hai, utana to aage badha़o

ek seedhe-saade kisaanane pahale-pahal laalaten jalaakar do meel door kisee gaanvamen jaaneke liye yaatra praarambh kee, parantu yah kyaa? vah chaar kadam chalate-na-chalate ruk gayaa.
kisee jaanakaar sajjanane poochhaa- kyon bhaaee ? ruk kyon gaye?' kisaanane kahaa-'jaana hai do meel maarg deekhata hai keval das gajatakakaa. kaise poora paड़ega ?'
sajjanane kahaa- 'jitana deekhata hai, utana to aage badha़o! phir itana hee aur aage deekhane lagegaa.'
unakee baat maanakar kisaan apane lakshyapar pahunch gayaa.
aap apane vivekake prakaashamen jitana saty deekhata ho, aacharanamen laao, phir paroksh saty bhee pratyaksh ho jaayegaa.
[svaamee shreeakhandaanandajee sarasvatee]

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