⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

जरूरतमन्दोंकी सेवा  [प्रेरक कहानी]
हिन्दी कथा - प्रेरक कहानी (Spiritual Story)

(10) जरूरतमन्दोंकी सेवा

एक हकीम गुरु गोविन्दसिंहजीके दर्शन करने आनन्दपुर गया। जब वह उनसे मिलकर वापस लौटने लगा तो गुरुजीने आशीष देते हुए कहा- 'जाओ, तुम दीन-दुखियोंकी सेवा करो।'
हकीम अपने घर लौट आया। हकीम इबादतमें तल्लीन था कि गुरु गोविन्दसिंहजी उसके घर आ पहुँचे। वह उनकी खातिरमें तैयार होता, इससे पहले घरके बाहर किसीने आवाज लगायी- 'हकीम साहब! मेरे पड़ोसीकी तबीयत बहुत खराब है। उसे बचा लीजिये।' यह सुनकर हकीम थोड़ा असमंजसमें पड़ा कि बीमारकी सेवा की जाय या गुरुका सत्कार। उसने
बीमारका इलाज करना उचित समझा। इलाजके पश्चात् हकीम जब घर आया तो गुरुजी घरमें बैठे मिले। वह गुरुजीसे क्षमा माँगने लगा। गुरुजीने गले लगाकर कहा 'मैं तुम्हारे सेवाभावसे बहुत खुश हुआ।'



You may also like these:

शिक्षदायक कहानी श्रीरामका न्याय
प्रेरक कहानी लालचका फल
बोध कथा रँगी लोमड़ी
हिन्दी कथा मायामय संसार
हिन्दी कहानी बलिप्रथा अधर्म है
आध्यात्मिक कहानी नम्र बनो, कठोर नहीं !
आध्यात्मिक कथा दसवें तुम्हीं हो!
प्रेरक कथा जीविकाका दान


jarooratamandonkee sevaa

(10) jarooratamandonkee sevaa

ek hakeem guru govindasinhajeeke darshan karane aanandapur gayaa. jab vah unase milakar vaapas lautane laga to gurujeene aasheesh dete hue kahaa- 'jaao, tum deena-dukhiyonkee seva karo.'
hakeem apane ghar laut aayaa. hakeem ibaadatamen talleen tha ki guru govindasinhajee usake ghar a pahunche. vah unakee khaatiramen taiyaar hota, isase pahale gharake baahar kiseene aavaaj lagaayee- 'hakeem saahaba! mere pada़oseekee tabeeyat bahut kharaab hai. use bacha leejiye.' yah sunakar hakeem thoda़a asamanjasamen pada़a ki beemaarakee seva kee jaay ya guruka satkaara. usane
beemaaraka ilaaj karana uchit samajhaa. ilaajake pashchaat hakeem jab ghar aaya to gurujee gharamen baithe mile. vah gurujeese kshama maangane lagaa. gurujeene gale lagaakar kaha 'main tumhaare sevaabhaavase bahut khush huaa.'

119 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



Bhajan Lyrics View All

सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो

New Bhajan Lyrics View All

राधा जो बोली श्याम से
याद मुरली की आने लगी सुना दे बांसुरिया
तेरे दर दी कीती मैं चाकरी,
तेरी सेवा विच मैं रवा,
अपनी मर्ज़ी नहीं चलदी, तुसी सदया ते
असी कई सुनेहे घल्ले, साडी पेश कोई ना
तेरा प्यार नचांदा है श्यामा मैं नचना
तेरा इश्क़ नचांदा है श्यामा मैं नचना
आवा मैं आवां सिद्ध जोगिया,
रोज़ तेरी गुफा उत्ते आवा,