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फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है

फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है


हमने सुना है फागण में मेला लगता है भारी,
दूर दूर तक है चर्चा मेले की महिमा न्यारी,
जो एक बर जाता है, आता तो है लेकिन दिल हार के आता है

लाखों लाखों निशान लिए, चलते है सब मतवारे,
सारे रस्ते गूँजते है, श्याम नाम के जय कारे,
सुन सुन के उछलता है, प्रेमी से मिलने को ये खुद भी मचलता है

राज उसे जब प्रेमी की यादें बहुत सताती है,
मोड़ता है रुख़ बादल का और फागण रुत आती है,
फागण के बहाने से, मन को सुकून मिले खाटु में जाने से

फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है




phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai

phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai


hamane suna hai phaagan me mela lagata hai bhaari,
door door tak hai charcha mele ki mahima nyaari,
jo ek bar jaata hai, aata to hai lekin dil haar ke aata hai

laakhon laakhon nishaan lie, chalate hai sab matavaare,
saare raste goonjate hai, shyaam naam ke jay kaare,
sun sun ke uchhalata hai, premi se milane ko ye khud bhi mchalata hai

raaj use jab premi ki yaaden bahut sataati hai,
modata hai rukah baadal ka aur phaagan rut aati hai,
phaagan ke bahaane se, man ko sukoon mile khaatu me jaane se

phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai




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