जामा बन्यो जरीतार को सुन्दर, लाल हैं बन्द और जर्द किनारी ।झालरदार बन्यो पटुका, मोतिन की छबि लागत प्यारी ॥जैसी ये चाल चलैं ब्रजराज, अहो […]
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अंग ही अंग जड़ाऊ जड़े, अरु सीस बनी पगिया जरतारी
अंग ही अंग जड़ाऊ जड़े, अरु सीस बनी पगिया जरतारी ।मोतिन माल हिये लटकै, लटुबा लटकै लट घूँघर वारी ॥पूरब पुन्य तें ‘रसखानि’ ये माधुरी […]
Read moreजै जै मचों ब्रज में चहूँ ओर, ते बोल रहे नर नारी जौ जै जै
जै जै मचों ब्रज में चहूँ ओर, ते बोल रहे नर नारी जौ जै जै ।जै जै कहें सब देब विमानन, ब्रह्मा त्रिलोचन बोलत जै […]
Read moreजगनाथ अनाथन नाथ सदाँ, करुणानिधि आनंदकारी की जै जै
जगनाथ अनाथन नाथ सदाँ, करुणानिधि आनंदकारी की जै जै ।कलिशूल अघारि अदैत्य सखा, तृय ताप विनाशनहारी की जै जै ॥द्विज देब अराध्य चराचर के, परमेश्वर […]
Read moreजय मंजुल कुन्ज निकुन्जन की, रस पुन्ज विचित्र समाज की जै जै
जय मंजुल कुन्ज निकुन्जन की, रस पुन्ज विचित्र समाज की जै जै ।यमुनातट की मुरलीवट की, गिरिजेश्वर की गिरिराज की जै जै ॥ब्रज गोपिन गोपकुमारन […]
Read moreवसुधा के सुधा जग की सुखमा, मुनि मानस मंजु राधिका के
वसुधा के सुधा जग की सुखमा, मुनि मानस मंजु राधिका के ।सुख कन्द सदाँ दुख द्वन्द दरें, सुर सिद्धन सिद्धि समाधिका के ॥छवि छैल ‘छबीले’ […]
Read moreकलिकाल कलेशन काटें सवै, जन कण्टक मैंट हरैं भव बाधा
कलिकाल कलेशन काटें सवै, जन कण्टक मैंट हरैं भव बाधा ।निसि वासर सुक्ख अनन्त मिलैं, मन मोद प्रमोद समोद अगाधा ॥बनराज निकुन्ज निवासी बनैं, यमराज […]
Read moreसारी सँवारी है सोन जुही की, चमेली की तापे लगाई किनारी
सारी सँवारी है सोन जुही की, चमेली की तापे लगाई किनारी ।पंकज के दल को लहंगा, अँगिया गुलबाँस की शोभित न्यारी ॥बेला को हार गुलाब […]
Read moreसोनजुही की बनी पगिया औ चमेली को गुच्छ रह्यो झुक न्यारो
सोनजुही की बनी पगिया औ चमेली को गुच्छ रह्यो झुक न्यारो ।द्वै दल फूल कदम्ब के कुण्डल, सेवती जामा है घूम घुमारो ॥नब तुलसी पटका […]
Read moreप्रेम पगे जु रँगे रँग साँवरे, माने मनाये न लालची नैना
प्रेम पगे जु रँगे रँग साँवरे, माने मनाये न लालची नैना ।धावत है उत ही जित मोहन रोके रुकै नहिं घूघट ऐना ॥कानन को कल […]
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