जय मंजुल कुन्ज निकुन्जन की, रस पुन्ज विचित्र समाज की जै जै

जय मंजुल कुन्ज निकुन्जन की, रस पुन्ज विचित्र समाज की जै जै ।
यमुनातट की मुरलीवट की, गिरिजेश्वर की गिरिराज की जै जै ॥
ब्रज गोपिन गोपकुमारन की, विपिनेश्वर के सुख साज की जै जै ।
ब्रज के सब संतन भक्तन की, ब्रजमण्डल की ब्रजराज की जै जै ॥