Category: Katha and Stories

अन्याय का फल कभी शुभ नहीं हो सकता

एक गाँवमें दो मित्र रहते थे। एकका नाम था धर्मबुद्धि, दूसरेका दुष्टबुद्धि। वे दोनों एक बार व्यापार करने विदेश गये और वहाँसे दो हजार अशर्फियाँ […]

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बचपन की मित्रता भूलने से कैसे बहुत बड़े बड़े अनर्थ हो सकते हैं

पांचाल देशके राजकुमार द्रुपद और द्रोणने ऋषि भरद्वाजके आश्रममें रहते हुए एक साथ अस्त्र-शस्त्रोंके संचालनकी विद्या सीखी। पिताकी मृत्यु हो जानेपर पुत्र द्रुपद पांचालनरेश बने। […]

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एक गौरैया कैसे भगवान ही प्रिय और घर की उन्नति करवाने वाली बन गई?

बात त्रेतायुग – श्रीरामके समयकी है। सुतीक्ष्ण ऋषिके आश्रम में बहुत-से ऋषि एक समूहमें साथ रहते थे। उस समय रावणके सैनिकोंद्वारा आतंक फैलाया जा रहा […]

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शत्रुता और मित्रता साथ-साथ नहीं रह सकती : नीति और समझदारी सीखने वाली कहानी

काम्पिल्य नगरमै ब्रह्मदत्त नामका राजा राज करता ।। उसके महलमें पूजनी नामक सर्वज्ञ, सम्पूर्ण तत्त्वोंको जाननेवाली तथा नीतिशास्त्रकी ज्ञाता एक चिड़िया रहती एक बार पूजनी […]

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क्या हुआ जब विभीषण जी से अपराध हो गया? क्या श्री राम ने उन्हें मृत्यु दण्ड दिया?

लंकाके निरंकुश शासक रावणको मारकर उसके धर्मनिष्ठ भाई विभीषणको राजपदपर अभिषिक्त करके महाराज श्रीराम अयोध्या लौट आये और न्यायपूर्वक प्रजापालन करने लगे। कुछ समय बाद […]

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