हमारे हितकी भाषाका प्रयोग

एक धनी व्यक्तिके घरमें आग लग गयी। बाहर निकलनेका केवल एक दरवाजा था। वहाँ एक कमरेमें बहुत-से बच्चे खेल रहे थे। धनी व्यक्तिने कहा- ‘जल्दी बाहर निकलो, आग लग गयी है।’ लेकिन खेलमें मस्त बच्चोंने ध्यान नहीं दिया। तब धनीने जोर-जोरसे चिल्लाकर  कहा ‘अगर तुम बाहर नहीं गये तो आगकी चपेटमें आ जाओगे।’ अबकी बार बच्चोंने सुना तो, लेकिन स्थितिकी गम्भीरता फिर भी नहीं समझ सके ।

तब उस धनीने कहा-‘घरके बाहर मैं गाड़ी -भर खिलौने लाया हूँ। जल्दी जाओ, वरना दूसरे बच्चे चुरा ले जायँगे।’ तब सारे बच्चे फौरन बाहर दौड़ पड़े। यहाँ धनी बोधि प्राप्त गुरु हैं और बच्चे साधारण मानव ।

उच्चस्थिति प्राप्त व्यक्तिद्वारा बताया गया सत्य जब हमारी समझके परे होता है, तब वह हमारे हितके लिये हमें समझमें आनेवाली भाषाका प्रयोग करता है।