हेलो री मैं लख्यो आजु को खेल बखान कहां लौ करे मत मोरी।राधे के सीस पै मोर पखा मुरली लकुटी कटि में पट डोरी॥बेनी विराजत […]
Read moreCategory: Braj Ke Sawaiya
भरे अति शोभित श्याम जू, तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी
धूरि भरे अति शोभित श्याम जू, तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी,खेलत खात फिरैं अँगना, पग पैंजनिया कटि पीरी कछौटी,वा छवि को रसखान विलोकत, वारत काम […]
Read moreमानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन,
मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन,जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन,पाहन हौं तो […]
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