कलिकाल कलेशन काटें सवै, जन कण्टक मैंट हरैं भव बाधा

कलिकाल कलेशन काटें सवै, जन कण्टक मैंट हरैं भव बाधा ।
निसि वासर सुक्ख अनन्त मिलैं, मन मोद प्रमोद समोद अगाधा ॥
बनराज निकुन्ज निवासी बनैं, यमराज समाज समावे समाधा ।
छवि छैल ‘छबीले’ की जीवनज्योति, जपै जब कीरतनंदनी राधा ॥