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Geeta Chapter 2 - Swami Mukundananda Hindi

Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 1- Chapter 2

Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 2 - Chapter 2

Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 3 - Chapter 2

Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 4 - Chapter 2

Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 5 - Chapter 2

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Bhagavad Gita Satsang - Swami Mukundananda, Part 11 - Chapter 2

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Geeta Chapter 2 - Swami Mukundananda Hindi

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11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



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तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए

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मैंने सारे सहारे छोड़ दिए,
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इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू,
मैं तेरी बदौलत हूँ ये बात नहीं भूलू...
प्रभु का नाम जप ले मना,
क्यों फिरदा डावाडोल मना...
कहा जाये वीणा बजाये शारदे भक्त तेरे
हम दीन हीन अज्ञान भवानी हम झोली फैलाये
राज तिलक का शुभ दिन देखो आया है,
सतगुरू जी का दर्शन हमने पाया है...