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मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

दुशासन वंस कठोर महा दुखदाई,
कर पकड़त मेरो चीर लाज नहीं आई,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

अब भयो धर्म को नाश पाप रहो छाई,
लखी अधम सभा की ओर नार विखलाई,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

रोएं रोएं के पाती लिखे रुक्मिणी नारी,
इसे वाचत पंडित लोग फटे उनकी छाती,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

मैंने छोड़े माई बाप बहन और भाई,
मैंने छोड़ा कुटुम परिवार तुम्हारे संग आई,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

क्यों छोड़े माई बाप बहन और भाई,
क्यों छोड़ा कुटुम परिवार हमारे संग आई,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

क्यों सिर पर बांधो मोहर हाथ में कंगना,
क्यों आए बाबूल के देश अरे मन सजना,
मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...

मोहे झांकी दे जा अपने मोर मुकुट की...



mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

dushaasan vans kthor maha dukhadaai,
kar pakadat mero cheer laaj nahi aai,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

ab bhayo dharm ko naash paap raho chhaai,
lkhi adham sbha ki or naar vikhalaai,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

roen roen ke paati likhe rukmini naari,
ise vaachat pandit log phate unaki chhaati,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

mainne chhode maai baap bahan aur bhaai,
mainne chhoda kutum parivaar tumhaare sang aai,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

kyon chhode maai baap bahan aur bhaai,
kyon chhoda kutum parivaar hamaare sang aai,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

kyon sir par baandho mohar haath me kangana,
kyon aae baabool ke desh are man sajana,
mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...

mohe jhaanki de ja apane mor mukut ki...



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