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Bhagwat Katha- Pundrik Goswami ji -Vrindavan

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswaniji Maharaj - Vrindavan

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 2)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 4)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 5)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 6)

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दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी

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जनम लियो मेरे कृष्ण कन्हाई,
मथुरा नगरी में बहार आई...
राम सिया राम सिया राम सिया राम,
बोलो राम सिया राम सिया राम,
खाटू वाले तू प्रेम की पाठशाला है,
प्यार के सांचे में तूने सबको ढाला है,
रुनक झुनक पग नेवर बाजे,
गजानंद नाचे,
ज्वाला मैया का दरबार यू अकबर देखन आया,
यह अकबर देखन आया यह राजा देखन आया,