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मेरे कारण कोई झूठ क्यों बोले  [Hindi Story]
Wisdom Story - छोटी सी कहानी (हिन्दी कहानी)

कलकत्तेके सुप्रसिद्ध सुधारक विद्वान् श्रीरामतनु लाहिड़ी उन दिनों कृष्णनगर कालिजियट स्कूलके प्रधानाध्यापक थे। वे एक दिन कलकत्तेमें सड़ककी एक पटरीसे कहीं जा रहे थे। श्रीअश्विनीकुमारजी उनके पीछे चल रहे थे। अचानक लाहिड़ीबाबू शीघ्रतासे दूसरी पटरीपर चले गये। अश्विनीकुमारजीने उनसे ऐसा करनेका कारण पूछा। लाहिड़ीबाबूने पहली पटरी सेजाते एक व्यक्तिकी ओर संकेत करके कहा- 'उन सज्जनने मुझसे कुछ रुपये उधार लिये हैं। जब वे मुझसे मिलते हैं, तभी कोई-न-कोई तिथि बताते हैं कि उस तिथिको रुपया दे देंगे। परंतु सम्भवतः अपनी परिस्थितिसे वे विवश हैं। अपनी बात वे सत्य नहीं कर पाते। उन्हें देखकर मैं इधर चला आया कि मेरे कारण किसीको झूठ क्यों बोलना पड़े।' -सु0 सिं0



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mere kaaran koee jhooth kyon bole

kalakatteke suprasiddh sudhaarak vidvaan shreeraamatanu laahiड़ee un dinon krishnanagar kaalijiyat skoolake pradhaanaadhyaapak the. ve ek din kalakattemen sada़kakee ek patareese kaheen ja rahe the. shreeashvineekumaarajee unake peechhe chal rahe the. achaanak laahiड़eebaaboo sheeghrataase doosaree patareepar chale gaye. ashvineekumaarajeene unase aisa karaneka kaaran poochhaa. laahiड़eebaaboone pahalee pataree sejaate ek vyaktikee or sanket karake kahaa- 'un sajjanane mujhase kuchh rupaye udhaar liye hain. jab ve mujhase milate hain, tabhee koee-na-koee tithi bataate hain ki us tithiko rupaya de denge. parantu sambhavatah apanee paristhitise ve vivash hain. apanee baat ve saty naheen kar paate. unhen dekhakar main idhar chala aaya ki mere kaaran kiseeko jhooth kyon bolana pada़e.' -su0 sin0

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