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सुन भक्तों की पुकार होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...

सुन भक्तों की पुकार होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...


भस्मी रमाये देखो डमरू बजाये,
कैसा निराला भोले रूप सजाये,
गले में है सर्पो का हार होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...

मृग चाल पहने है जटाओ में गंगा,
चम चम चमकता है माथे पे चंदा,
गौरी मैया के श्रृंगार होके नंदी में सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...

देवों के देव इनकी महिमा महान है,
भोले भक्तों के ये तो भोले भगवान है,
करने भक्तों का उद्धार होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...

सुन भक्तों की पुकार होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से आये हैं भोले शंकर...




sun bhakton ki pukaar hoke nandi pe savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...

sun bhakton ki pukaar hoke nandi pe savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...


bhasmi ramaaye dekho damaroo bajaaye,
kaisa niraala bhole roop sajaaye,
gale me hai sarpo ka haar hoke nandi pe savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...

marag chaal pahane hai jataao me ganga,
cham cham chamakata hai maathe pe chanda,
gauri maiya ke shrrangaar hoke nandi me savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...

devon ke dev inaki mahima mahaan hai,
bhole bhakton ke ye to bhole bhagavaan hai,
karane bhakton ka uddhaar hoke nandi pe savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...

sun bhakton ki pukaar hoke nandi pe savaar,
kaashi nagari se aaye hain bhole shankar...




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