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#Sanskar Live | Shri Rajendra Das Ji Maharaj | Panch Ved Mahabharat | Raghunathgarh | Day 9

Poet Conference : (Poet Mr. Arun Jamini)

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SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ BHAKTAMAL KATHA LIVE (GUWAHATI) ON DISHA DAY 02
#Sanskar Live | Shri Rajendra Das Ji Maharaj | Panch Ved Mahabharat | Raghunathgarh | Day 9
Shrimad Bhagwat Katha by Shri Rajendra Das Ji Maharaj (Muzaffarpur) Day 07 PART 02
SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ BHAKTAMAL KATHA LIVE (GUWAHATI) ON DISHA DAY 03
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Poet Conference : (Poet Mr. Arun Jamini)

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा

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मईया मेरी आ जाओ, अब आपको बुलाया है,
मईया जी के मंदिर को मैंने फूलों से
कंकर कंकर बना है शंकर माँ तेरे प्रताप
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए जीवन के हर
मैंनू मक्खन खवादे नी गोपिये बंसी दी
मेरा पल्ला छड्ड दे वे मोहना मैं घर
हे शिव के लाला अर्ज़ सुनो,
हम शरण तुम्हारी आए हैं,
गणपती जी तुम्हारे चरणों में,
हम मिलकर शीश झुकाते है