Bhaktmal katha by Rajender Das ji in May 2014 at Kolkata, West Bangal
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
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रात जगी बाबा की, ते गावण ने जी कर गया ,
जब बाजण लाग्या साज,नाचण ने जी कर गया ,
करले तू विश्वास रे पगले मैया दौड़ी
जो तू दिल से माँ को पुकारे इक पल देर ना
मोरछड़ी बाबा मोरछड़ी,
सर पे घुमा दो मोरछड़ी,
बोल सांचे दरबार की जय,
बजाओ श्याम नाम की ताली,
तेरे दर पे आ गये हैं, हे श्याम अब
हाथ जोड़ कर प्रार्थना है, चरणों से अब