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Shri Ram Katha

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 2)

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 3)

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 4)

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 5)

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 6)

Shri Ram Katha - Pundrik Ji Maharaj (Day 7)

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एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने

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चंबे दिया कलियाँ दा हार बनाया,
फूलां दा भवन सजाया मेरी माँ,
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन घायल कर जाती है...
मेरे चिमटा धारी बाबा तेरे महिमा मिलके
मेरे शिव अवतारी बाबा चरणों में धोक
तुलसी की बगिया हरियाली मेरे श्याम जी
पूजा करे नर नारी मेरे श्याम जी को
श्याम कृपा से हम प्रेमी बड़े दिलवाले
हम खाटूवाले हैं सुनो जी हम खाटूवाले