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SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN 2011

SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 07

SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 06

SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 05

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SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 07
SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 06
SHRI GYANANAND JI MAHARAJ GITA PRAVACHAN @ Vishwa Hindu Temple 2014 05

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मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥

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मेरे दिल को छू गई है मुस्कान तेरी
नैनों में बस गई है सुंदर छवि तुम्हारी...
राधा का नाम अनमोल बोलो राधे राथे
श्यामा का नाम अनमोल बोलो राधे राधे ॥
मेरी अंखियां तरसी तेरे, दीदार के लिए,
मै बरसो तड़पी मैया तेरे प्यार के लिए॥
बाबा मुझे आज भी वो दिन याद है,
जब सबने मुझे ठुकराया था,
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ
सोयी सोयी जग दे तक़दीर ऐसी माँ,