Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Holi Utsav ) By Shree Hita Ambrish ji in Feburary 2015 at Hisar
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने॥
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
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बेड़े भगतां दे पौणाहारी,
तारदा ए,
चलती चक्की देख कर दिया कबीरा रोये,
दो पाटन के बीच में साबुत बचा ना कोए,
मेरी जो लाज है भोले तेरे हाथ है,
दुखियाँ गरीब की बाबा फ़रियाद है...
दिल करे मैं खाटू आऊं और खाटू में बस
फिर श्याम तेरे चरणों को मैं छोड़ कहीं
यूं न जाओ छोड़कर,
है गणपति अपना घर,