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नारद भक्ति सूत्र (नारद भक्ति दर्शन)
Narad Bhakti Sutra (Narada Bhakti Sutra)
सूत्र 73 - Sutra 73
यतस्तदीयाः ॥ 73 ॥
73-क्योंकि (भक्त सब) उनके (भगवान्के) ही हैं।
भक्त अपनी भक्तिके प्रभावसे भगवद्रूप ही हो जाते हैं, इसीलिये उनमें परस्पर भेदबुद्धि नहीं होती और उनमें कोई अपनेको किसी भी हेतुसे ऊँचा नहीं समझता।
नारद भक्ति सूत्र को नारद भक्ति दर्शन, Narad Bhakti Sutra, Narada Bhakti Sutra, Narad Bhakti Darshan, भक्ति सूत्र, Bhakti Sutra, प्रेम सूत्र, Prem Sutra, प्रेम दर्शन और Prem Darshan आदि नामों से भी जाना जाता है।