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नारद भक्ति सूत्र (नारद भक्ति दर्शन)
Narad Bhakti Sutra (Narada Bhakti Sutra)
सूत्र 20 - Sutra 20
अस्त्येवमेवम् ॥ 20 ॥
20-ठीक ऐसा ही है।
देवर्षि नारद पिछले सूत्रमें बतलाये हुए सिद्धान्तकी दृढ़ताके लिये कहते हैं कि वस्तुतः भक्तिका यही स्वरूप है।
नारद भक्ति सूत्र को नारद भक्ति दर्शन, Narad Bhakti Sutra, Narada Bhakti Sutra, Narad Bhakti Darshan, भक्ति सूत्र, Bhakti Sutra, प्रेम सूत्र, Prem Sutra, प्रेम दर्शन और Prem Darshan आदि नामों से भी जाना जाता है।