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नारद भक्ति सूत्र (नारद भक्ति दर्शन)
Narad Bhakti Sutra (Narada Bhakti Sutra)
सूत्र 15 - Sutra 15
तल्लक्षणानि वाच्यन्ते नानामतभेदात् ॥ 15 ॥
15-अब नाना मतोंके अनुसार उस भक्तिके लक्षण कहते हैं।
विभिन्न आचार्योंने भक्तिका स्वरूप भिन्न-भिन्न रूपसे बतलाया है, पहले उनका वर्णन करके फिर देवर्षि नारदजी अपना मत दिखलाना चाहते हैं।
नारद भक्ति सूत्र को नारद भक्ति दर्शन, Narad Bhakti Sutra, Narada Bhakti Sutra, Narad Bhakti Darshan, भक्ति सूत्र, Bhakti Sutra, प्रेम सूत्र, Prem Sutra, प्रेम दर्शन और Prem Darshan आदि नामों से भी जाना जाता है।