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नारद भक्ति सूत्र (नारद भक्ति दर्शन)
Narad Bhakti Sutra (Narada Bhakti Sutra)
सूत्र 31 - Sutra 31
राजगृहभोजनादिषु तथैव दृष्टत्वात् ॥ 31 ॥
31-राजगृह और भोजनादिमें ऐसा ही देखा जाता है।
यह पूर्वकथित भक्तिकी फलरूपताको समझनेके लिये उदाहरण है।
नारद भक्ति सूत्र को नारद भक्ति दर्शन, Narad Bhakti Sutra, Narada Bhakti Sutra, Narad Bhakti Darshan, भक्ति सूत्र, Bhakti Sutra, प्रेम सूत्र, Prem Sutra, प्रेम दर्शन और Prem Darshan आदि नामों से भी जाना जाता है।