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सच्चा भाव  [प्रेरक कहानी]
Hindi Story - Hindi Story (Shikshaprad Kahani)

एक गँवार गड़रिया पर्वतकी चोटींपर बैठा प्रार्थना कर रहा था - ओ खुदा! यदि तू इधर पधारे, यदि तू मेरे पास आनेकी कृपा करे तो मैं तेरी सेवा करूँगा । मैं तेरी दाढ़ीमें कंघी करूँगा, तेरे सिरके केशोंसे जुएँ निकालूँगा, तेरे शरीरमें तेलकी मालिश करके तुझे स्नान कराऊँगा। मैं अपने-आपको तुझपर न्योछावर कर दूँगा । तेरे पैर मैं अपनी दाढ़ीसे पोंछूंगा। तू सोना चाहेगा तो तेरे लिये बिछौना बिछाऊँगा। तू बीमार पड़ेगा तो तेरी सेवामें रात-दिन खड़ा रहूँगा। मेरे पास आ, मेरे अच्छे खुदा! मैं तेरा गुलाम बनकर रहूँगा ।'

हजरत मूसा उधरसे कहीं जा रहे थे। उन्होंने उस गड़रियेसे पूछा-'अरे मूर्ख! तू किससे बातें कर रहा है ? किस बीमारकी सेवा करना चाहता है ?' गड़रियेने कहा- 'मैं खुदासे बातें कर रहा था औरउन्हींकी सेवा करना चाहता हूँ।'

मूसाने उसे डाँटा–'अरे बेवकूफ ! तू तो गुनाह कर रहा है। खुदाके कहीं बाल हैं और वह सर्वशक्तिमान् कहीं बीमार पड़ता है। वह तो अशरीरी, अजन्मा, सर्वव्यापक है। उसे मनुष्योंके समान सेवा चाकरीकी क्या आवश्यकता ? ऐसी बेवकूफी फिर मत करना।' बेचारा गड़रिया चुप हो गया। मूसा-जैसे तेजस्वी फकीरसे वह क्षमा माँगनेके अतिरिक्त कर क्या सकता था। परंतु उस दिन मूसा स्वयं जब प्रार्थना करने लगे, आकाशवाणी हुई- 'मूसा! मैंने तुम्हें मनुष्योंका चित्त मुझमें लगानेको भेजा है या उन्हें मुझसे दूर करनेको ? उस गड़रियेका चित्त मुझमें लगा था, तुमने उसे मना करके अपराध किया है। तुम्हें इतना भी पता नहीं कि सच्चा भाव ही सच्ची उपासना है।'



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sachcha bhaava

ek ganvaar gada़riya parvatakee choteenpar baitha praarthana kar raha tha - o khudaa! yadi too idhar padhaare, yadi too mere paas aanekee kripa kare to main teree seva karoonga . main teree daadha़eemen kanghee karoonga, tere sirake keshonse juen nikaaloonga, tere shareeramen telakee maalish karake tujhe snaan karaaoongaa. main apane-aapako tujhapar nyochhaavar kar doonga . tere pair main apanee daadha़eese ponchhoongaa. too sona chaahega to tere liye bichhauna bichhaaoongaa. too beemaar pada़ega to teree sevaamen raata-din khada़a rahoongaa. mere paas a, mere achchhe khudaa! main tera gulaam banakar rahoonga .'

hajarat moosa udharase kaheen ja rahe the. unhonne us gada़riyese poochhaa-'are moorkha! too kisase baaten kar raha hai ? kis beemaarakee seva karana chaahata hai ?' gada़riyene kahaa- 'main khudaase baaten kar raha tha auraunheenkee seva karana chaahata hoon.'

moosaane use daantaa–'are bevakooph ! too to gunaah kar raha hai. khudaake kaheen baal hain aur vah sarvashaktimaan kaheen beemaar pada़ta hai. vah to ashareeree, ajanma, sarvavyaapak hai. use manushyonke samaan seva chaakareekee kya aavashyakata ? aisee bevakoophee phir mat karanaa.' bechaara gada़riya chup ho gayaa. moosaa-jaise tejasvee phakeerase vah kshama maanganeke atirikt kar kya sakata thaa. parantu us din moosa svayan jab praarthana karane lage, aakaashavaanee huee- 'moosaa! mainne tumhen manushyonka chitt mujhamen lagaaneko bheja hai ya unhen mujhase door karaneko ? us gada़riyeka chitt mujhamen laga tha, tumane use mana karake aparaadh kiya hai. tumhen itana bhee pata naheen ki sachcha bhaav hee sachchee upaasana hai.'

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