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पवित्र अन्न ( गुरु नानकदेवका अनुभव )  [Spiritual Story]
Wisdom Story - Shikshaprad Kahani (Story To Read)

गुरु नानकदेव अपनी यात्रामें घूमते हुए एक ग्राममें रुके थे। उस दिन उनके पास गाँवका एक लुहार मक्केकी दो मोटी रोटियाँ ले आया। उसी गाँवके जमींदार भी उसी दिन अपने यहाँसे उत्तम पकवान बनवाकर गुरु नानकके पास ले गये। गुरु नानकने जमींदारके पकवानकी ओर देखा ही नहीं। उन्होंने लुहारके लाये मक्केके टिक्कर प्रसन्नतापूर्वक खाकर जल पी लिया।

जमींदारको दुःख हुआ अपना लाया भोजन स्वीकार न होनेसे। उन्होंने इसका कारण पूछा। गुरु नानक देवने लुहारकी रोटियोंका एक टुकड़ा छोड़ दिया था। एक हाथमें उन्होंने उस टुकड़ेको लिया और एक हाथमें जमींदारके लाये भोजनका थोड़ा भाग लेकर दोनों |हाथोंके पदार्थोंको दबाकर निचोड़ा । लुहारकी रोटीके टुकड़ेसे दूधकी कुछ बूँदें टपक; परंतु जमींदारके अन्नसे रक्तके बिन्दु गिरे।

'यह क्या बात है ?' जमींदारने पूछा।

गुरु नानकदेवने बताया- 'लुहारने परिश्रम करके कमाया है। उसका अन्न उसके परिश्रमसे ईमानदारीके साथ आया है। इसलिये वह शुद्ध अन्न है। उसमें सात्त्विकता है। उसका भोजन करनेसे चित्तमें निर्मलता बढ़ेगी। तुम्हारा अन्न दूसरोंको सताकर, दूसरोंका उचित अधिकार (हक) मारकर लाया गया है। यह दूसरोंका रक्त चूसकर एकत्र होनेके समान है। इसलिये यह रक्तान्न है, अपवित्र है। इस भोजनसे चित्तमें पापवृत्तियाँ प्रबल होंगी।'



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pavitr ann ( guru naanakadevaka anubhav )

guru naanakadev apanee yaatraamen ghoomate hue ek graamamen ruke the. us din unake paas gaanvaka ek luhaar makkekee do motee rotiyaan le aayaa. usee gaanvake jameendaar bhee usee din apane yahaanse uttam pakavaan banavaakar guru naanakake paas le gaye. guru naanakane jameendaarake pakavaanakee or dekha hee naheen. unhonne luhaarake laaye makkeke tikkar prasannataapoorvak khaakar jal pee liyaa.

jameendaarako duhkh hua apana laaya bhojan sveekaar n honese. unhonne isaka kaaran poochhaa. guru naanak devane luhaarakee rotiyonka ek tukada़a chhoda़ diya thaa. ek haathamen unhonne us tukada़eko liya aur ek haathamen jameendaarake laaye bhojanaka thoda़a bhaag lekar donon |haathonke padaarthonko dabaakar nichoda़a . luhaarakee roteeke tukada़ese doodhakee kuchh boonden tapaka; parantu jameendaarake annase raktake bindu gire.

'yah kya baat hai ?' jameendaarane poochhaa.

guru naanakadevane bataayaa- 'luhaarane parishram karake kamaaya hai. usaka ann usake parishramase eemaanadaareeke saath aaya hai. isaliye vah shuddh ann hai. usamen saattvikata hai. usaka bhojan karanese chittamen nirmalata badha़egee. tumhaara ann doosaronko sataakar, doosaronka uchit adhikaar (haka) maarakar laaya gaya hai. yah doosaronka rakt choosakar ekatr honeke samaan hai. isaliye yah raktaann hai, apavitr hai. is bhojanase chittamen paapavrittiyaan prabal hongee.'

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