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संतकी एकान्तप्रियता  [हिन्दी कहानी]
Shikshaprad Kahani - Spiritual Story (Spiritual Story)

मिश्र देशके प्रसिद्ध संत एन्थानीने अठारह सौ वर्ष पहले जो नाम कमाया, वह विश्वके संतसाहित्यकी एक अमूल्य निधि है। वे पिसपिरकी पहाड़ीपर एकान्त स्थानमें निवास करते हुए भगवान्‌का चिन्तन किया करते थे।

एक समयकी बात है वे अलेक्जन्ड्रियामें आये हुए थे जनताको ईश्वर-चिन्तनके मार्गपर लगानेके लिये। अपना कर्तव्य पूरा करके वे पहाड़ीकी ओर प्रस्थान करनेकी व्यवस्था करने लगे। इस समाचारसे लोग व्याकुल हो उठे। वे संतको अपने प्राणोंसे भी अधिक चाहते थे। एक क्षणके लिये भी उनका वियोग नहीं सह सकते थे। उनकी कुटीके सामने बात की बात में एक बड़ी भीड़ एकत्र हो गयी।'आप हमारे बीचमें ही निवास कीजिये। हमें आपकी बड़ी आवश्यकता है। अपने कृपामृतसे हमारे प्राणोंको नित्य सींचते रहिये।' अलेक्जन्ड्रियाके प्रशासकने संतके चरणोंमें मस्तक विनतकर निवेदन किया। भीड़ने उसके प्रस्तावका समर्थन किया। संत सोचने लगे।

'भाई! मछली जलसे बाहर भूमिपर आ जानेपर जलके अभावमें छटपटाकर विकलतासे प्राण छोड़ देती है। इसी प्रकार संत-महात्मा जनसमूहमें आनेपर अपने एकान्त मौनव्रतसे पतित—च्युत हो जाते हैं। जिस प्रकार जलकी ओर बड़े आवेगसे मछली दौड़ती है उसी प्रकार हमलोग अपने पहाड़ी स्थानोंमें पहुँचकर शान्ति प्राप्त करते हैं।' संतने विनम्रतापूर्वक अपना मत व्यक्तकर पहाड़ीकी ओर प्रस्थान किया।

-रा0 श्री0



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santakee ekaantapriyataa

mishr deshake prasiddh sant enthaaneene athaarah sau varsh pahale jo naam kamaaya, vah vishvake santasaahityakee ek amooly nidhi hai. ve pisapirakee pahaada़eepar ekaant sthaanamen nivaas karate hue bhagavaan‌ka chintan kiya karate the.

ek samayakee baat hai ve alekjandriyaamen aaye hue the janataako eeshvara-chintanake maargapar lagaaneke liye. apana kartavy poora karake ve pahaada़eekee or prasthaan karanekee vyavastha karane lage. is samaachaarase log vyaakul ho uthe. ve santako apane praanonse bhee adhik chaahate the. ek kshanake liye bhee unaka viyog naheen sah sakate the. unakee kuteeke saamane baat kee baat men ek bada़ee bheeda़ ekatr ho gayee.'aap hamaare beechamen hee nivaas keejiye. hamen aapakee bada़ee aavashyakata hai. apane kripaamritase hamaare praanonko nity seenchate rahiye.' alekjandriyaake prashaasakane santake charanonmen mastak vinatakar nivedan kiyaa. bheeda़ne usake prastaavaka samarthan kiyaa. sant sochane lage.

'bhaaee! machhalee jalase baahar bhoomipar a jaanepar jalake abhaavamen chhatapataakar vikalataase praan chhoda़ detee hai. isee prakaar santa-mahaatma janasamoohamen aanepar apane ekaant maunavratase patita—chyut ho jaate hain. jis prakaar jalakee or bada़e aavegase machhalee dauda़tee hai usee prakaar hamalog apane pahaada़ee sthaanonmen pahunchakar shaanti praapt karate hain.' santane vinamrataapoorvak apana mat vyaktakar pahaada़eekee or prasthaan kiyaa.

-raa0 shree0

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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?



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