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टूनलालको कौन मार सकता है  [आध्यात्मिक कहानी]
शिक्षदायक कहानी - Hindi Story (Spiritual Story)

एक महात्मा एक स्कूलके आगे रहा करते थे। एक दिन स्कूलके लड़कोंने उनको तंग करनेकी सोची। बस, एक लड़का आकर उनको गुदगुदाने लगा। महात्मा कभी 'ही ही ही ही' करते, कभी 'ऊँ हूँ ऊँ हूँ' करते और कुछ गुनगुनाने लगते। एक दिन एक आदमी एक हँडिया रसगुल्ला लेकर उनके पास आया और उसने कहा- 'मेरा भतीजा बीमार है। बाबा ! आप उसे ठीक कर दीजिये।' पहले तो वह जिस तरफ हँडिया करता उस ओरसे वे मुँह फेर लेते। बादमें उन्होंने हँडियामेंसे एक रसगुल्ला लेकर हँडिया फोड़ दी और कहने लगे 'मेरे टूनलालको कौन मार सकता है?' घर आकर उस आदमीने देखा कि लड़का बिलकुल स्वस्थ होनेकी ओर बढ़ रहा है। उस बीमार लड़केका नाम टूनलाल था। उसे महात्माजी बिलकुल नहीं जानते थे।



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toonalaalako kaun maar sakata hai

ek mahaatma ek skoolake aage raha karate the. ek din skoolake lada़konne unako tang karanekee sochee. bas, ek lada़ka aakar unako gudagudaane lagaa. mahaatma kabhee 'hee hee hee hee' karate, kabhee 'oon hoon oon hoon' karate aur kuchh gunagunaane lagate. ek din ek aadamee ek handiya rasagulla lekar unake paas aaya aur usane kahaa- 'mera bhateeja beemaar hai. baaba ! aap use theek kar deejiye.' pahale to vah jis taraph handiya karata us orase ve munh pher lete. baadamen unhonne handiyaamense ek rasagulla lekar handiya phoda़ dee aur kahane lage 'mere toonalaalako kaun maar sakata hai?' ghar aakar us aadameene dekha ki lada़ka bilakul svasth honekee or badha़ raha hai. us beemaar lada़keka naam toonalaal thaa. use mahaatmaajee bilakul naheen jaanate the.

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