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दिया मैंने अपना जीवन दुखियोंके लिये !  [Shikshaprad Kahani]
Short Story - Hindi Story (Spiritual Story)

दिया मैंने अपना जीवन दुखियोंके लिये !

उनतीस सालका एक नौजवान अपनी मैजपर फैले कागजपत्र समेट रहा था कि एक पत्रिकाका हरा कवर उसके जीको भा गया। उसने उठाया उसे देखा-रिपोर्ट है पेरिस मिशनरी सोसाइटीकी।
बचपनमें पिताजी ऐसी रिपोर्ट उसे पढ़कर सुनाते थे। उसे अच्छी लगती थीं।
इस रिपोर्टको भी उसने उलटा-पलटा। उसमें एक लेख था- कांगो मिशनकी जरूरतें।
बड़ा मार्मिक लेख था वह।
एक साँसमें वह पढ़ गया उसे।
उसमें बताया गया था कि अफ्रीकामें कांगो नदीके किनारे रहनेवाले जंगली लोग कैसा दयनीय जीवन बिताते हैं। न उनके पास सोनेको है, न पहननेको हद दर्जेकी गरीबी है, हद दर्जेकी मुसीबतें ।
तरह-तरहके रोग उन्हें सताते हैं। कोढ़ियोंका तो यह हाल है कि बेचारे तिरस्कृत पड़े रहते हैं। उनके पास नहीं फटकता। रोगोंका इतना जोर, पर डॉक्टरका कहीं पता नहीं। सौ-सौ मीलतक कहीं कोई डॉक्टर नहीं!...
अंतमें कांगो मिशनकी ओरसे जोरदार अपील की गयी थी- 'है कोई ईसाका प्यारा बेटा या बेटी, जो इन उपेक्षित लोगोंकी, इन दुखियोंकी सेवाके लिये अपना जीवन अर्पण करे ? प्रभुके आदेशको सुने और कहे- 'हे मेरे प्रभु, मैं देता हूँ अपना जीवन इन दुखियोंके लिये!'
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नौजवान, भावुक नौजवान डूब गया करुणामें । छात्रोंको बार-बार सुनायी हुई बाइबिलकी कहानी, डाइब्स और लजारसकी कहानी उसे कचोटने लगी
डाइब्स था धनी । शानदार कपड़े पहनता। शानदार भोजन करता। शानदार महलमें रहता। शानदार जीवन बिताता ।
लजारस था गरीब। उसके पास न तो खानेको कुछ था, न पहननेको। रहनेका भी कोई ठिकाना नहीं। घावों और फोड़ोंसे छटपटाता हुआ वह पड़ा रहता डाइब्सके दरवाजेपर - इस आशासे कि शायद उसे जूठनके कुछ टुकड़े मिल सकें!'
नौजवान सोचने लगा-'हम यूरोपवाले डाइब्स ही तो हैं। हमारे उपनिवेशोंमें भी लजारस मरा करते हैं। कभी हम सोचते हैं उनकी बात ?'
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चिन्तन चलता रहा।
वह नौजवान सोचता रहा- 'इन दुखियोंको इस तरह मरनेके लिये हमने छोड़ रखा है। इनका पाप हमारे माथे नहीं है क्या? तो क्या करूँ मैं ?'
सोचते-सोचते उसने तय कर लिया- दिया मैंने अपना जीवन इन दुखियोंके लिये'
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अब वह सोचता है- 'जिनकी सेवा करनी है, उनके लिये योग्य भी तो बनना चाहिये। मैंने दो विषयोंमें डॉक्टरेटकी उपाधि पायी है। मेरे पास नामके साथ 'डॉक्टर' का पुछल्ला जुड़ा है। पर किस कामकी है मेरी डॉक्टरी ? शरीरसे एक भी मरीजकी तो मैं सेवा नहीं कर सकता! और अफ्रीकाके इन रोगी-दुखी भाइयोंकी सेवा करनी है, तो मुझे चिकित्सा - डॉक्टरी सीखनी ही चाहिये ।'
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इस नौजवानका नाम था- अलबर्ट श्वाइजर ।
दूसरे दिन यह डॉक्टर प्रोफेसर जब मेडिकल कॉलेजमें विद्यार्थीके रूपमें भर्ती होनेको जा पहुँचा तो लोग हैरान रह गये- 'कहीं पागल तो नहीं हो गया यह 'डॉक्टर'? अच्छी-भली नौकरीपर, प्रतिष्ठापर लात मारकर यह चला है अब डॉक्टरी पढ्ने।' पर वह पागल ही था। सेवाके लिये पागल ।
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उसने तत्परतापूर्वक प्रारम्भसे अन्ततक पूरी
डॉक्टरी पढ़ी।
पैसोंकी जरूरत पड़ती तो संगीतके कुछ कार्यक्रम चलाकर कुछ पैसे कमा लेता-संगीतमें भी वह चोटीका कलाकार था।
सन् 1905 से 1911 ई0तक उसने रात-दिन जी तोड़कर मेहनत की। अन्तमें वह डॉक्टर बनकर रहा। दूसरे साल एक नर्ससे उसने शादी की और अफ्रीका जा पहुँचा वह उसके साथ ।
मार्च 1913से सितम्बर 1965 ई0 तक, जीवनके अन्तिम क्षणतक वह अफ्रीकाके दुखियोंकी सेवामें लगा रहा। सतत, अनवरत !
धन्य है सेवाका ऐसा अद्भुत पुजारी !



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diya mainne apana jeevan dukhiyonke liye !

diya mainne apana jeevan dukhiyonke liye !

unatees saalaka ek naujavaan apanee maijapar phaile kaagajapatr samet raha tha ki ek patrikaaka hara kavar usake jeeko bha gayaa. usane uthaaya use dekhaa-riport hai peris mishanaree sosaaiteekee.
bachapanamen pitaajee aisee riport use padha़kar sunaate the. use achchhee lagatee theen.
is riportako bhee usane ulataa-palataa. usamen ek lekh thaa- kaango mishanakee jarooraten.
bada़a maarmik lekh tha vaha.
ek saansamen vah padha़ gaya use.
usamen bataaya gaya tha ki aphreekaamen kaango nadeeke kinaare rahanevaale jangalee log kaisa dayaneey jeevan bitaate hain. n unake paas soneko hai, n pahananeko had darjekee gareebee hai, had darjekee museebaten .
taraha-tarahake rog unhen sataate hain. kodha़iyonka to yah haal hai ki bechaare tiraskrit pada़e rahate hain. unake paas naheen phatakataa. rogonka itana jor, par daॉktaraka kaheen pata naheen. sau-sau meelatak kaheen koee daॉktar naheen!...
antamen kaango mishanakee orase joradaar apeel kee gayee thee- 'hai koee eesaaka pyaara beta ya betee, jo in upekshit logonkee, in dukhiyonkee sevaake liye apana jeevan arpan kare ? prabhuke aadeshako sune aur kahe- 'he mere prabhu, main deta hoon apana jeevan in dukhiyonke liye!'
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naujavaan, bhaavuk naujavaan doob gaya karunaamen . chhaatronko baara-baar sunaayee huee baaibilakee kahaanee, daaibs aur lajaarasakee kahaanee use kachotane lagee
daaibs tha dhanee . shaanadaar kapada़e pahanataa. shaanadaar bhojan karataa. shaanadaar mahalamen rahataa. shaanadaar jeevan bitaata .
lajaaras tha gareeba. usake paas n to khaaneko kuchh tha, n pahananeko. rahaneka bhee koee thikaana naheen. ghaavon aur phoda़onse chhatapataata hua vah pada़a rahata daaibsake daravaajepar - is aashaase ki shaayad use joothanake kuchh tukada़e mil saken!'
naujavaan sochane lagaa-'ham yooropavaale daaibs hee to hain. hamaare upaniveshonmen bhee lajaaras mara karate hain. kabhee ham sochate hain unakee baat ?'
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chintan chalata rahaa.
vah naujavaan sochata rahaa- 'in dukhiyonko is tarah maraneke liye hamane chhoda़ rakha hai. inaka paap hamaare maathe naheen hai kyaa? to kya karoon main ?'
sochate-sochate usane tay kar liyaa- diya mainne apana jeevan in dukhiyonke liye'
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ab vah sochata hai- 'jinakee seva karanee hai, unake liye yogy bhee to banana chaahiye. mainne do vishayonmen daॉktaretakee upaadhi paayee hai. mere paas naamake saath 'daॉktara' ka puchhalla juda़a hai. par kis kaamakee hai meree daॉktaree ? shareerase ek bhee mareejakee to main seva naheen kar sakataa! aur aphreekaake in rogee-dukhee bhaaiyonkee seva karanee hai, to mujhe chikitsa - daॉktaree seekhanee hee chaahiye .'
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is naujavaanaka naam thaa- alabart shvaaijar .
doosare din yah daॉktar prophesar jab medikal kaॉlejamen vidyaartheeke roopamen bhartee honeko ja pahuncha to log hairaan rah gaye- 'kaheen paagal to naheen ho gaya yah 'daॉktara'? achchhee-bhalee naukareepar, pratishthaapar laat maarakar yah chala hai ab daॉktaree padhne.' par vah paagal hee thaa. sevaake liye paagal .
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usane tatparataapoorvak praarambhase antatak pooree
daॉktaree padha़ee.
paisonkee jaroorat pada़tee to sangeetake kuchh kaaryakram chalaakar kuchh paise kama letaa-sangeetamen bhee vah choteeka kalaakaar thaa.
san 1905 se 1911 ee0tak usane raata-din jee toda़kar mehanat kee. antamen vah daॉktar banakar rahaa. doosare saal ek narsase usane shaadee kee aur aphreeka ja pahuncha vah usake saath .
maarch 1913se sitambar 1965 ee0 tak, jeevanake antim kshanatak vah aphreekaake dukhiyonkee sevaamen laga rahaa. satat, anavarat !
dhany hai sevaaka aisa adbhut pujaaree !

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