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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
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दिल मेरा ऐसे तुम,
तोड़ के ना जाओ,
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे,
मईया के लग रहे जयकारे,
मईया के दर जाउंगी,
भेरू थारी भक्ति में होकर के बावरा,
अरर नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां ॥