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मोहन को चंदा दिखा रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां...

मोहन को चंदा दिखा रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां...


आसमान का वो चंदा माम
देखो मचाल गए द घनश्याम,
अपने मोहन को बहलाये रही माँ,
फुशलाये रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां,
मोहन को चंदा दिखा रही मां...

किया इशारा नंद जी गायनी,
लायी माँ थाली में पानी,
उसमे परछायी दिखलाये मान,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां,
मोहन को चंदा दिखा रही मां...

मोहन पानी में ख़ूब खेले,
देव लोक से देवता बोले,
देखो देखो मुस्काये रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां,
मोहन को चंदा दिखा रही मां...

खेल खेल के मोहन थक गए,
तब मां के आंचल में छुप गए,
गागा के गागा के लोरी सुना रही मां,
बहलाये रही माँ
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां,
मोहन को चंदा दिखा रही मां...

मोहन को चंदा दिखा रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां...




mohan ko chanda dikha rahi maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan...

mohan ko chanda dikha rahi maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan...


aasamaan ka vo chanda maam
dekho mchaal ge d ghanashyaam,
apane mohan ko bahalaaye rahi ma,
phushalaaye rahi maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan,
mohan ko chanda dikha rahi maan...

kiya ishaara nand ji gaayani,
laayi ma thaali me paani,
usame parchhaayi dikhalaaye maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan,
mohan ko chanda dikha rahi maan...

mohan paani me kahoob khele,
dev lok se devata bole,
dekho dekho muskaaye rahi maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan,
mohan ko chanda dikha rahi maan...

khel khel ke mohan thak ge,
tab maan ke aanchal me chhup ge,
gaaga ke gaaga ke lori suna rahi maan,
bahalaaye rahi maa
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan,
mohan ko chanda dikha rahi maan...

mohan ko chanda dikha rahi maan,
nahi maane kanhaiya manaaye rahi maan...




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