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Devkinandan Thakurji Maharaj Ramkatha Kanpur October 2015

Contents of this list:

Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 05 Oct 2015 part 5
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 05 Oct 2015 part 4
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 05 Oct 2015 part 3
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 05 Oct 2015 part 2
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 05 Oct 2015 part 1
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 04 Oct 2015 part 4
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 04 Oct 2015 part 3
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 04 Oct 2015 part 2
Devkinandan Thakurji Maharaj Ram Katha from Kanpur (UP) 04 Oct 2015 part 1

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सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद

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वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो हमें तुम
किसने सजाया मुरली वाले को,
बनड़ा बनाया मुरली वाले को,
गणपति गौरी के लाला मैं पूजा करूं
हे देवाधिदेव वंदना पहले करूं
अब के नवरात मेरे,
अंगना पधारो जगदम्बे भवानी,
प्यारे बांके बिहारी हमारे, प्यारे
जब से हुआ दीदार तुम्हारा, छोड़ दी