Home Katha Bhagwat Katha

Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji in December 2014 At Kurukshetra, Haryana, India

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day-2 ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day-3 ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day- 4 ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day- 5 ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day- 6 ( Kurukshetra , Haryana )

Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Shreemad Bhagwat Katha Day- 7 ( Kurukshetra , Haryana )

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



Bhajan Lyrics View All

एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने

New Bhajan Lyrics View All

मोहन मेरा मुरली वाला
मैंने हरी से प्यार किया...
मैया मैया मैया,
मैया मैया ओ मेरी मैया,
तुम हो दया के सागर,
क्या बात है तुम्हारी,
मालिन कर रही रस्ता साफ़ आज
साथ में लांगुर लावेगी साथ में भैरव
दादा तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते
यही सोचकर अपने दोनों नैन भीगोते है,