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सुहृद्  [Spiritual Story]
Spiritual Story - आध्यात्मिक कथा (आध्यात्मिक कहानी)

एक दिन संत इब्राहिमने रास्तेमें एक मूच्छित शराबीको देखा। उसका शरीर धूलमें सन गया था, मुँहमें धूल लिपटी हुई थी और उसपर मक्खियाँ भिन भिना रही थीं। उन्होंने बड़े प्यारसे उसे गोदमें उठाकर पानीसे उसका मुँह धोया और बोले-'भाई! जिस मुँह से भगवान्का पवित्र नाम लेना चाहिये, उसे तू इतना गंदा रखता है?' होश आनेपर जब उस व्यक्तिको यहसमाचार विदित हुआ, तब उसके मनमें बहुत पश्चात्ताप हुआ और उसने सदाके लिये शराब छोड़ दी। दो-एक दिन बाद संतने ईश्वरीय वाणी सुनी- 'अरे इब्राहिम ! तूने केवल एक दिन मूच्छित शराबीका मुँह धोया है और मैं तो प्रतिदिन, प्रतिक्षण तेरा मलिन अन्तःकरण धोया करता हूँ ?' इब्राहिम चिल्ला उठे - 'प्रभो! तुमसे बढ़कर सुहृद् और कौन है ?'- शि0 दु0



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suhrid

ek din sant ibraahimane raastemen ek moochchhit sharaabeeko dekhaa. usaka shareer dhoolamen san gaya tha, munhamen dhool lipatee huee thee aur usapar makkhiyaan bhin bhina rahee theen. unhonne bada़e pyaarase use godamen uthaakar paaneese usaka munh dhoya aur bole-'bhaaee! jis munh se bhagavaanka pavitr naam lena chaahiye, use too itana ganda rakhata hai?' hosh aanepar jab us vyaktiko yahasamaachaar vidit hua, tab usake manamen bahut pashchaattaap hua aur usane sadaake liye sharaab chhoda़ dee. do-ek din baad santane eeshvareey vaanee sunee- 'are ibraahim ! toone keval ek din moochchhit sharaabeeka munh dhoya hai aur main to pratidin, pratikshan tera malin antahkaran dhoya karata hoon ?' ibraahim chilla uthe - 'prabho! tumase badha़kar suhrid aur kaun hai ?'- shi0 du0

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