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सहनशीलता (3)  [बोध कथा]
आध्यात्मिक कथा - हिन्दी कथा (Hindi Story)

'सहनशीलता किसे कहते हैं?' किसीने हुसेन मंसूरसे प्रश्न किया। उन्होंने उत्तर दिया- 'हाथ-पैर काटकर शरीरको शूलीपर लटका दिया जाय, फिर भी जिसके मुँहसेउफ् तक नहीं निकले, उसे सहनशील समझना चाहिये।' इतिहास साक्षी है, जीवनके अन्तिम कालमें इन्होंने इसी प्रकारकी सहनशीलताका परिचय दिया था। मंसूरकी शूली प्रसिद्ध है। - शि0 दु0



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sahanasheelata (3)

'sahanasheelata kise kahate hain?' kiseene husen mansoorase prashn kiyaa. unhonne uttar diyaa- 'haatha-pair kaatakar shareerako shooleepar lataka diya jaay, phir bhee jisake munhaseuph tak naheen nikale, use sahanasheel samajhana chaahiye.' itihaas saakshee hai, jeevanake antim kaalamen inhonne isee prakaarakee sahanasheelataaka parichay diya thaa. mansoorakee shoolee prasiddh hai. - shi0 du0

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अपनी वाणी में अमृत घोल
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