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समस्या चट्टान-सी  [बोध कथा]
Hindi Story - हिन्दी कथा (बोध कथा)

समस्या चट्टान-सी

पुराने समयकी बात है। माधोपुर गाँवमें एक किसान माधवनाथ रहता था। उसके पास खेती करनेके लिये एक बड़ा-सा खेत था। इस खेत बीचमें एक बड़ा-सा पत्थर था। पत्थर जमीनके ऊपर निकला हुआ था, जो उसके खेतीके काममें बाधा पैदा करता था। कई बार असावधानीवश कृषिके औजार उससे टकरा जाते थे और टूट जाते थे। माधवनाथको उन्हें सुधरवाने या नये बनवाने में काफी धन खर्च करना पड़ता था।
एक बार हमेशाकी तरह वह खेतमें हल चला रहा था कि हल उस पत्थरसे टकराकर टूट गया। उसने सोचा कि हमेशा पत्थरसे नुकसान होता है, क्यों न पत्थरको खेतसे निकलवा दिया जाय। दूसरे दिन उसने आस-पासके गाँवसे अपने इष्ट मित्रोंको खेतपर बुलाया। जब सब इकट्ठे हो गये तो उसने कहा- 'यह पत्थर
मुझे खेती काममें बाधा पहुँचाता है। मैं इसे खेतसे बाहर करना चाहता हूँ, इसके लिये मुझे आप सबकी मदद चाहिये।
सबने मिलकर पत्थरको हटानेके लिये धक्का लगाया। पत्थर एक बार ही धक्का मारनेसे आसानीसे हट गया। यह देख सभी आश्चर्यमें पड़ गये। माधवके मित्रोंने कहा- 'तुमने तो कहा था कि खेतके बीचमें एक बड़ी-सी चट्टान दबी हुई है, परंतु यह तो एक मामूली सा पत्थर निकला, जो यहाँ दबा हुआ था। यदि तुम चाहते और प्रयास करते तो स्वयं भी इसे निकाल सकते थे। माधवको भी यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वर्षोंसेजिसे वह चट्टान समझ रहा था, वह तो एक पत्थर निकला। उसे इस बातका भी दुःख हुआ कि इतनेसे कामके लिये उसे अपने इष्ट मित्रोंको दुःख देना पड़ा। वर्षोंसे जिसे वह बड़ी चट्टान समझता था, वह तो मामूली पत्थर था। इसे वह पहले ही हटा देता, तो उसे इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता।
इस प्रकार जीवनमें भी कई बार छोटी-छोटी समस्याएँ आती हैं, पर हम उन्हें बड़ी मानकर हल करनेसे कतराते रहते हैं। उन्हें टालते रहनेसे कई बार हमें नुकसान भी उठाना पड़ता है। अगर हम समस्याका हल तत्काल निकाल लिया करें, तो जीवनको सुखमय बना सकते हैं।



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samasya chattaana-see

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is prakaar jeevanamen bhee kaee baar chhotee-chhotee samasyaaen aatee hain, par ham unhen bada़ee maanakar hal karanese kataraate rahate hain. unhen taalate rahanese kaee baar hamen nukasaan bhee uthaana pada़ta hai. agar ham samasyaaka hal tatkaal nikaal liya karen, to jeevanako sukhamay bana sakate hain.

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