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समयका मूल्य  [बोध कथा]
Story To Read - हिन्दी कथा (Wisdom Story)

मनुष्यके जीवनका प्रत्येक क्षण अमूल्य है। समय ऐसा धन है, जो चले जानेपर वापस नहीं आया करता। विवेकी पुरुष समय-बद्धताकी ओर सदा ध्यान रखते हैं। जार्ज वाशिंगटन ठीक समयपर भोजन करते थे तथा ठीक (निश्चित समयपर सोते थे। उनके जीवनका प्रत्येक कार्य निर्धारित समयपर पूरा होता रहता था । वे चार बजेके लगभग भोजन किया करते थे। एक दिन उन्होंने अमेरिकी कांग्रेसके नये सदस्योंको भोजकेलिये निमन्त्रित किया। सदस्योंके आनेमें कुछ देर हो गयी। राष्ट्रपति वाशिंगटन भोजन करने लगे। नये सदस्योंको बड़ा आश्चर्य हुआ ।

'भाई! इसमें आश्चर्यकी क्या बात है ! मेरा रसोइया कभी यह नहीं देखता कि सब-के-सब निमन्त्रित अतिथि आ गये हैं या नहीं; वह तो पूर्वनिश्चित समयपर भोजन सामने रख दिया करता है।' राष्ट्रपति वाशिंगटन भोजन करनेमें व्यस्त हो गये l

- रा0 श्री0



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samayaka moolya

manushyake jeevanaka pratyek kshan amooly hai. samay aisa dhan hai, jo chale jaanepar vaapas naheen aaya karataa. vivekee purush samaya-baddhataakee or sada dhyaan rakhate hain. jaarj vaashingatan theek samayapar bhojan karate the tatha theek (nishchit samayapar sote the. unake jeevanaka pratyek kaary nirdhaarit samayapar poora hota rahata tha . ve chaar bajeke lagabhag bhojan kiya karate the. ek din unhonne amerikee kaangresake naye sadasyonko bhojakeliye nimantrit kiyaa. sadasyonke aanemen kuchh der ho gayee. raashtrapati vaashingatan bhojan karane lage. naye sadasyonko bada़a aashchary hua .

'bhaaee! isamen aashcharyakee kya baat hai ! mera rasoiya kabhee yah naheen dekhata ki saba-ke-sab nimantrit atithi a gaye hain ya naheen; vah to poorvanishchit samayapar bhojan saamane rakh diya karata hai.' raashtrapati vaashingatan bhojan karanemen vyast ho gaye l

- raa0 shree0

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