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पहले ललिताजीके दर्शन कीजिये  [Hindi Story]
आध्यात्मिक कहानी - आध्यात्मिक कथा (छोटी सी कहानी)

एक महात्मा वृन्दावनके पास वनमें बैठे थे। उनके मनमें आया कि सारी उम्र ऐसे ही बीत गयी, न भगवान् के दर्शन हुए, न उनके किसी सखाके ही

हुए। इसी समय काली घटा छा गयी और बड़े जोरसे पानी बरसने लगा। किंतु वे महात्मा वहाँसे उठे नहीं। दो घंटेतक लगातार मूसलधार पानी बरसता रहा, अब उनको ठंड लगने लगी।

इसी समय उनको दिखायी दिया कि साड़ी पहने एक छोटी-सी सुकुमार लड़की पानीपर छप छप करती आ रही है।

लड़की - 'महाराज! आप यहाँ क्यों बैठे हैं।' महात्मा-'ऐसे ही।'

लड़की - 'क्या आपको अभी किसीके दर्शननहीं हुए।'

महात्माको उसकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि यह लड़की कौन है और कैसे मेरे मनकी बात जान गयी। वे उसकी ओर देखने लगे, कुछ बोले नहीं, तब लड़कीने कहा—'अच्छा, अब आप पहले ललिताजीके दर्शन करिये।' इतना कहकर वह तुरंत अदृश्य हो गयी। महात्माजी बड़े प्रसन्न हुए।

एक बार उनके चेचक निकल आयी। उस समय वे वृन्दावनसे दो सौ मील दूर थे। उनके बहुत प्रार्थना करनेपर एक सज्जन टैक्सी करके उनको वृन्दावन ले आये ।

ज्यों ही उनसे कहा गया कि वृन्दावन आ गया, उनको भगवान्‌के दर्शन हो गये और वे इस शरीरको चले गये। -कु0 रा0



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pahale lalitaajeeke darshan keejiye

ek mahaatma vrindaavanake paas vanamen baithe the. unake manamen aaya ki saaree umr aise hee beet gayee, n bhagavaan ke darshan hue, n unake kisee sakhaake hee

hue. isee samay kaalee ghata chha gayee aur bada़e jorase paanee barasane lagaa. kintu ve mahaatma vahaanse uthe naheen. do ghantetak lagaataar moosaladhaar paanee barasata raha, ab unako thand lagane lagee.

isee samay unako dikhaayee diya ki saada़ee pahane ek chhotee-see sukumaar lada़kee paaneepar chhap chhap karatee a rahee hai.

lada़kee - 'mahaaraaja! aap yahaan kyon baithe hain.' mahaatmaa-'aise hee.'

lada़kee - 'kya aapako abhee kiseeke darshananaheen hue.'

mahaatmaako usakee baat sunakar bada़a aashchary hua ki yah lada़kee kaun hai aur kaise mere manakee baat jaan gayee. ve usakee or dekhane lage, kuchh bole naheen, tab lada़keene kahaa—'achchha, ab aap pahale lalitaajeeke darshan kariye.' itana kahakar vah turant adrishy ho gayee. mahaatmaajee bada़e prasann hue.

ek baar unake chechak nikal aayee. us samay ve vrindaavanase do sau meel door the. unake bahut praarthana karanepar ek sajjan taiksee karake unako vrindaavan le aaye .

jyon hee unase kaha gaya ki vrindaavan a gaya, unako bhagavaan‌ke darshan ho gaye aur ve is shareerako chale gaye. -ku0 raa0

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