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दासताके विरुद्ध  [हिन्दी कहानी]
शिक्षदायक कहानी - प्रेरक कथा (आध्यात्मिक कथा)

दासताके विरुद्ध

विश्वविख्यात लेखिका हैरियट स्टोने अपना प्रसिद्ध उपन्यास 'अंकल टॉम्स केबिन' (टॉम काकाकी कुटिया) किन परिस्थितियोंके बीच लिखा, यह बहुत कम लोग जानते हैं। आम जानकारी तो इतनी ही है कि इस महान् रचनाने अमेरिकासे दासताकी अमानवीय प्रथा खत्म करनेमें अहम भूमिका निभायी थी।

स्टोने अपनी भाभीके एक पत्रका उत्तर देते हुए बताया था कि किन विपरीत परिस्थितियोंमें उन्होंने इसकी रचना की।
उन्होंने लिखा- 'चूल्हा-चौका, कपड़े धोना, सिलाई, जूते गाँठना-जैसे कामोंकी व्यस्तता बनी ही रहती है। बच्चोंके लिये तैयारी करनी होती है। दिनभर सिपाहीकी तरह ड्यूटी देनी पड़ती है। छोटा बच्चा मेरे पास ही सोता है। वह जबतक सो नहीं जाता, कुछ भी लिख नहीं सकती। गरीबी और कार्यका दबाव बहुत है। फिर भी भाभी, सच मानना, मेरे मनमें गुलामीके खिलाफ आग धधक रही है, सो जिन्दा रही तो कुछ ऐसा जरूर लिखूँगी, जो अमेरिकाके सिरसे दासताको लादे रहनेका कलंक छुड़ा सके। गरीबी और कठिनाइयोंके बीच भी मनुष्य भीतरकी प्रेरणासे समयको बदलनेमें भूमिका निभा सकता है।'
हैरियट स्टोकी यह बात बिलकुल सही निकली। उनकी यह किताब अपने समयकी 'बेस्ट सेलर' साबित हुई। इसने अश्वेतोंके जीवनको लेकर श्वेतोंके बीच फैले कई तरहके भ्रम दूर किये। जब गुलामीके सवालपर अमेरिकामें गृहयुद्ध शुरू हुआ तो अमेरिकाके राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन स्टोसे मिले। उन्हें देखते ही लिंकनके मुँहसे निकला, 'तो यही है वह छोटी महिला, जिसने यह महान् युद्ध लड़नेकी प्रेरणा दी !'



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daasataake viruddha

daasataake viruddha

vishvavikhyaat lekhika hairiyat stone apana prasiddh upanyaas 'ankal taॉms kebina' (taॉm kaakaakee kutiyaa) kin paristhitiyonke beech likha, yah bahut kam log jaanate hain. aam jaanakaaree to itanee hee hai ki is mahaan rachanaane amerikaase daasataakee amaanaveey pratha khatm karanemen aham bhoomika nibhaayee thee.

stone apanee bhaabheeke ek patraka uttar dete hue bataaya tha ki kin vipareet paristhitiyonmen unhonne isakee rachana kee.
unhonne likhaa- 'choolhaa-chauka, kapada़e dhona, silaaee, joote gaanthanaa-jaise kaamonkee vyastata banee hee rahatee hai. bachchonke liye taiyaaree karanee hotee hai. dinabhar sipaaheekee tarah dyootee denee pada़tee hai. chhota bachcha mere paas hee sota hai. vah jabatak so naheen jaata, kuchh bhee likh naheen sakatee. gareebee aur kaaryaka dabaav bahut hai. phir bhee bhaabhee, sach maanana, mere manamen gulaameeke khilaaph aag dhadhak rahee hai, so jinda rahee to kuchh aisa jaroor likhoongee, jo amerikaake sirase daasataako laade rahaneka kalank chhuda़a sake. gareebee aur kathinaaiyonke beech bhee manushy bheetarakee preranaase samayako badalanemen bhoomika nibha sakata hai.'
hairiyat stokee yah baat bilakul sahee nikalee. unakee yah kitaab apane samayakee 'best selara' saabit huee. isane ashvetonke jeevanako lekar shvetonke beech phaile kaee tarahake bhram door kiye. jab gulaameeke savaalapar amerikaamen grihayuddh shuroo hua to amerikaake raashtrapati abraaham linkan stose mile. unhen dekhate hee linkanake munhase nikala, 'to yahee hai vah chhotee mahila, jisane yah mahaan yuddh lada़nekee prerana dee !'

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