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गाली कहाँ जायगी  [Story To Read]
Short Story - Moral Story (Spiritual Story)

भारद्वाज नामका एक ब्राह्मण भगवान् बुद्धसे दीक्षा लेकर भिक्षु हो गया था। उसका एक सम्बन्धी इससे अत्यन्त क्षुब्ध होकर तथागतके समीप पहुँचा और उन्हें अपशब्द कहने लगा। बुद्धदेव तो देव ही ठहरे, देवताके समान ही वे शान्त और मौन बने रहे। ब्राह्मण अन्ततः अकेला कहाँतक गाली देता, वह थककर चुप हो गया। अब तथागतने पूछा अतिथि आते हैं ?' - 'क्यों भाई ! तुम्हारे घर कभी

'आते तो हैं।' ब्राह्मणने उत्तर दिया।

'तुम उनका सत्कार करते हो ?' बुद्धने पूछा।

ब्राह्मण खीझकर बोला –' अतिथिका सत्कार कौनमूर्ख नहीं करेगा।'

तथागत बोले – 'मान लो कि तुम्हारी अर्पित वस्तुएँ अतिथि स्वीकार न करे तो वे कहाँ जायँगी ?' ब्राह्मणने फिर झुंझलाकर कहा – 'वे जायँगी कहाँ, अतिथि उन्हें नहीं लेगा तो वे मेरे पास रहेंगी।'

'तो भद्र!' बुद्धने शान्तिसे कहा – 'तुम्हारी दी हुई गालियाँ मैं स्वीकार नहीं करता। अब यह गाली कहाँ जायगी ? किसके पास रहेगी ?"

ब्राह्मणका मस्तक लज्जासे झुक गया। उसने भगवान् बुद्ध क्षमा माँगी।

- सु0 सिं0



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gaalee kahaan jaayagee

bhaaradvaaj naamaka ek braahman bhagavaan buddhase deeksha lekar bhikshu ho gaya thaa. usaka ek sambandhee isase atyant kshubdh hokar tathaagatake sameep pahuncha aur unhen apashabd kahane lagaa. buddhadev to dev hee thahare, devataake samaan hee ve shaant aur maun bane rahe. braahman antatah akela kahaantak gaalee deta, vah thakakar chup ho gayaa. ab tathaagatane poochha atithi aate hain ?' - 'kyon bhaaee ! tumhaare ghar kabhee

'aate to hain.' braahmanane uttar diyaa.

'tum unaka satkaar karate ho ?' buddhane poochhaa.

braahman kheejhakar bola –' atithika satkaar kaunamoorkh naheen karegaa.'

tathaagat bole – 'maan lo ki tumhaaree arpit vastuen atithi sveekaar n kare to ve kahaan jaayangee ?' braahmanane phir jhunjhalaakar kaha – 've jaayangee kahaan, atithi unhen naheen lega to ve mere paas rahengee.'

'to bhadra!' buddhane shaantise kaha – 'tumhaaree dee huee gaaliyaan main sveekaar naheen karataa. ab yah gaalee kahaan jaayagee ? kisake paas rahegee ?"

braahmanaka mastak lajjaase jhuk gayaa. usane bhagavaan buddh kshama maangee.

- su0 sin0

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