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काशीमें मरनेसे मुक्ति  [हिन्दी कथा]
Spiritual Story - आध्यात्मिक कथा (Story To Read)

एक महात्मा थे। वे काशीमें रहते थे। उनके पास एक बिल्ली थी, वह मर गयी। महात्माने उसको लाल कपड़े में बाँधकर गङ्गाजीमें डाल दिया।

दूसरे दिन महात्मा जब ध्यान कर रहे थे, तब एक लड़की साड़ी पहने हुए उनके पास आयी और बोली 'महात्माजी ! प्रणाम।'महात्मा- 'बेटी! तू कौन है ?' लड़की - 'आपने मुझे नहीं पहचाना। मैं वही कलवाली बिल्ली हूँ। आपने दया करके मुझे गङ्गाजीमें डाल दिया था, इससे अब मैं शिवलोकको जा रही हूँ।

आपको प्रणाम करने आ गयी।' यह कहकर लड़की अन्तर्धान हो गयी।- 'राधा'



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kaasheemen maranese mukti

ek mahaatma the. ve kaasheemen rahate the. unake paas ek billee thee, vah mar gayee. mahaatmaane usako laal kapada़e men baandhakar gangaajeemen daal diyaa.

doosare din mahaatma jab dhyaan kar rahe the, tab ek lada़kee saada़ee pahane hue unake paas aayee aur bolee 'mahaatmaajee ! pranaama.'mahaatmaa- 'betee! too kaun hai ?' lada़kee - 'aapane mujhe naheen pahachaanaa. main vahee kalavaalee billee hoon. aapane daya karake mujhe gangaajeemen daal diya tha, isase ab main shivalokako ja rahee hoon.

aapako pranaam karane a gayee.' yah kahakar lada़kee antardhaan ho gayee.- 'raadhaa'

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