Home Gurus Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) By by Shree Hita Ambrish ji at Hisar in November 2013

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 1 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 2 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 3 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 4 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 5 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Van Viharotsav ) Part 6 By Shree Hita Ambrish ji

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With LoveKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



Bhajan Lyrics View All

रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है

New Bhajan Lyrics View All

शेरावाली पहाड़ा वाली मेहरावाली माता,
मन की ईशा पूरी करती जो भी द्वारे आता,
वैध बन करके गोकुल से मोहन चले,
उनका बरसाने जाना गजब हो गया,
तेरा प्यारा लगे दरबार, सजाया किसने
किसने माता... किसने माँ...
मुख दुनिया मोड़ लवे,
बाबा जी तू मुखड़ा ना मोड़ी,
सपने में हो गया रे कमाल,
मईया जी मेरे घर आ गयी,