⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

निर्माता और विजेता  [Short Story]
Spiritual Story - Story To Read (Hindi Story)

किसी ग्राममें एक विद्वान् स्त्री-पुरुष तथा उनके दो बच्चे रहते थे। बड़ा लड़का शान्त स्वभावका, पठनशील और विचारप्रिय था। छोटा बालक केवल विनोदी, चञ्चल स्वभावका तथा खेल - कूदप्रिय था।

एक दिन संध्या समय नित्यकी तरह बड़ा लड़का अपने माँ-बापके पास बैठा हुआ कोई इतिहासकी पुस्तकपढ़ रहा था। इधर छोटा बालक एक कार्डका मकान बनानेमें लगा था। वह उसके गिरनेके भयसे श्वास भी नहीं लेता था। इतनेमें ही बड़े लड़केने पुस्तक अलग रख दी और अपने पितासे पूछा- 'पिताजी! कुछ वीर तो साम्राज्य विजेता कहे जाते हैं और कुछ साम्राज्य-संस्थापक कहे जाते हैं। क्या इन दोनों भिन्न शब्दोंके भाव भिन्न-भिन्न हैं ?'पिता अभी कुछ उत्तर देनेकी बात सोच ही रहा था कि तबतक छोटे बालकने कार्डका दूसरा महल तैयार कर लिया और प्रसन्नतासे उछल पड़ा। वह बोल उठा - 'मैंने यह तैयार कर लिया।' बड़ा भाई उसके कोलाहलपर बिगड़ पड़ा और,एक इशारेसे उसके सारे घरको जिसके निर्माण करनेमें उसे इतना श्रम और समयका व्यय हुआ था धराशायी कर डाला।

पिताने कहा-' - 'मेरे पुत्र! बस, तुम्हारा छोटा भाई 'निर्माता' और तुम 'विजेता' हुए।'

- जा0 श0



You may also like these:

हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
हिन्दी कहानी कथा-प्रेम
हिन्दी कहानी धनका परिणाम – हिंसा
हिन्दी कहानी पार्वतीकी परीक्षा
हिन्दी कहानी भागवत- जीवन
हिन्दी कहानी लोभका दुष्परिणाम
हिन्दी कहानी संतकी एकान्तप्रियता


nirmaata aur vijetaa

kisee graamamen ek vidvaan stree-purush tatha unake do bachche rahate the. bada़a lada़ka shaant svabhaavaka, pathanasheel aur vichaarapriy thaa. chhota baalak keval vinodee, chanchal svabhaavaka tatha khel - koodapriy thaa.

ek din sandhya samay nityakee tarah bada़a lada़ka apane maan-baapake paas baitha hua koee itihaasakee pustakapadha़ raha thaa. idhar chhota baalak ek kaardaka makaan banaanemen laga thaa. vah usake giraneke bhayase shvaas bhee naheen leta thaa. itanemen hee bada़e lada़kene pustak alag rakh dee aur apane pitaase poochhaa- 'pitaajee! kuchh veer to saamraajy vijeta kahe jaate hain aur kuchh saamraajya-sansthaapak kahe jaate hain. kya in donon bhinn shabdonke bhaav bhinna-bhinn hain ?'pita abhee kuchh uttar denekee baat soch hee raha tha ki tabatak chhote baalakane kaardaka doosara mahal taiyaar kar liya aur prasannataase uchhal pada़aa. vah bol utha - 'mainne yah taiyaar kar liyaa.' bada़a bhaaee usake kolaahalapar bigada़ pada़a aur,ek ishaarese usake saare gharako jisake nirmaan karanemen use itana shram aur samayaka vyay hua tha dharaashaayee kar daalaa.

pitaane kahaa-' - 'mere putra! bas, tumhaara chhota bhaaee 'nirmaataa' aur tum 'vijetaa' hue.'

- jaa0 sha0

78 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?



Bhajan Lyrics View All

बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा

New Bhajan Lyrics View All

श्याम बड़ा छलिया बची रहियो गोरी,
बची रहियो गोरी, छुपी रहियो गोरी,
होया खुशियाँ दा आज वे माहोल,
नचणा ज़रुर चाहिदा,
प्रेम से बोलो श्री बांके बिहारी,
बांके बिहारी प्रभु कुंज बिहारी,
प्रथमो प्रश्म श्री गणेशम,
हरेक बात की शुरुआत,
मेरी बिगड़ी कौन बनाये,
मेरा संकट कौन मिटाये,