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जो तू चाहे सुख सदा  [छोटी सी कहानी]
Spiritual Story - Spiritual Story (बोध कथा)

जो तू चाहे सुख सदा

एक बार हकीम लुकमानसे उनके बेटेने पूछा 'अगर मालिकने फरमाया कि कोई चीज माँग, तो मैं क्या माँगूँ ?' लुकमानने जवाब दिया 'परमार्थका धन ।' बेटेने फिर कहा-'अगर दूसरी चीज माँगनेको कहें तो ?' लुकमानने कहा- 'हलालकी कौड़ी (पसीनेकी कमाई ) माँगना ।' उसने फिर पूछा 'तीसरी चीज ?' जवाब मिला- 'उदारता' 'चौथी ?"
'शरम।'

'पाँचवीं ?' 'अच्छा स्वभाव । '
बेटेने फिर पूछा-' और कुछ माँगनेको कहें तो ?' लुकमानने जवाब दिया-'बेटा! जिसको ये पाँच चीजें मिल गयीं, उसको तो माँगनेके लिये और कुछ भी नहीं बचेगा।' तेरी खुशहालीका यही रास्ता है और तुझे इसी रास्तेसे जाना चाहिये ।'



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jo too chaahe sukh sadaa

jo too chaahe sukh sadaa

ek baar hakeem lukamaanase unake betene poochha 'agar maalikane pharamaaya ki koee cheej maang, to main kya maangoon ?' lukamaanane javaab diya 'paramaarthaka dhan .' betene phir kahaa-'agar doosaree cheej maanganeko kahen to ?' lukamaanane kahaa- 'halaalakee kauda़ee (paseenekee kamaaee ) maangana .' usane phir poochha 'teesaree cheej ?' javaab milaa- 'udaarataa' 'chauthee ?"
'sharama.'

'paanchaveen ?' 'achchha svabhaav . '
betene phir poochhaa-' aur kuchh maanganeko kahen to ?' lukamaanane javaab diyaa-'betaa! jisako ye paanch cheejen mil gayeen, usako to maanganeke liye aur kuchh bhee naheen bachegaa.' teree khushahaaleeka yahee raasta hai aur tujhe isee raastese jaana chaahiye .'

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समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
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तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
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रसिया को नार बनावो री रसिया को
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