⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

जीवनकी प्राथमिकताएँ  [Hindi Story]
प्रेरक कथा - प्रेरक कहानी (शिक्षदायक कहानी)

जीवनकी प्राथमिकताएँ

दर्शनशास्त्रके एक प्रोफेसरने कक्षामें आकर मेजपर काँचकी एक बरनी रख दी। फिर उसमें टेबल-टेनिसकी गेंद भर दी और विद्यार्थियोंसे पूछा- 'क्या बरनी पूरी तरह भर गयी ?' उत्तर मिला-'हाँ'। तब उन्होंने कुछ कंकड़ उस बरनीमें डालने शुरू किये और तबतक डालते रहे, जबतक वे सम्पूर्ण खाली जगहमें समा नहीं गये। उन्होंने फिर पूछा- 'क्या बरनी पूरी तरह भर गयी ?' फिरसे उत्तर मिला- 'हाँ'। अब प्रोफेसर साहबने उस बरनीमें धीरे-धीरे रेत डालनी शुरू की और वह रेत भी उस बरनीके सूक्ष्म रिक्त स्थानोंमें समा गयी। तब प्रोफेसर साहबने पूछा- 'क्या बरनी भर गयी ?' अपने अबतकके उत्तरोंसे शर्मिन्दा विद्यार्थियोंको फिर 'हाँ' कहना पड़ा। अब उन्होंने मेजके नीचे रखा पानीका एक गिलास उठाया और उसे बरनीमें उड़ेल दिया और देखते-देखते उस गिलासका सारा पानी भी उस बरनीके
अतिसूक्ष्म रिक्त स्थानोंमें समा गया।
अब प्रोफेसर बोले-'यह काँचकी बरनी हमारा जीवन है, टेबल-टेनिसकी गेंद ईश्वरका ध्यान है, कंकड़ हमारी घर-गृहस्थी, नौकरी, मकान-जैसी आवश्यकताएँ हैं, रेत हमारे शौक-मनोरंजनकी बातें हैं और पानी झगड़े, मनमुटाव, ईर्ष्या और द्वेष-जैसी बुराइयोंका प्रतीक है। अगर तुम बादवाली छोटी चीजोंसे जीवनकी बरनीको पहले भर दोगे तो पहलेवाली कोई बड़ी चीज इसमें नहीं आ सकेगी। लेकिन यदि पहलेवाली बड़ी चीजें पहले भरोगे तो बादवाली छोटी चीजोंकी गुंजाइश बनी रहेगी। इसलिये जीवनमें सबसे पहले ईश्वरपर ध्यान दो, फिर घर-गृहस्थीकी सोचो और फिर अपने शौक पूरे करो, लेकिन साथ ही यह कोशिश भी करो कि बादमें पानीरूपी बुराइयाँ किसी भी सूक्ष्म रास्तेसे आकर जीवनकी मधुर बरनीकी रग-रगमें घुसपैठ न कर लें।



You may also like these:

हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
हिन्दी कहानी कथा-प्रेम
हिन्दी कहानी धनका परिणाम – हिंसा
हिन्दी कहानी पार्वतीकी परीक्षा
हिन्दी कहानी भागवत- जीवन
हिन्दी कहानी लोभका दुष्परिणाम
हिन्दी कहानी संतकी एकान्तप्रियता


jeevanakee praathamikataaen

jeevanakee praathamikataaen

darshanashaastrake ek prophesarane kakshaamen aakar mejapar kaanchakee ek baranee rakh dee. phir usamen tebala-tenisakee gend bhar dee aur vidyaarthiyonse poochhaa- 'kya baranee pooree tarah bhar gayee ?' uttar milaa-'haan'. tab unhonne kuchh kankada़ us baraneemen daalane shuroo kiye aur tabatak daalate rahe, jabatak ve sampoorn khaalee jagahamen sama naheen gaye. unhonne phir poochhaa- 'kya baranee pooree tarah bhar gayee ?' phirase uttar milaa- 'haan'. ab prophesar saahabane us baraneemen dheere-dheere ret daalanee shuroo kee aur vah ret bhee us baraneeke sookshm rikt sthaanonmen sama gayee. tab prophesar saahabane poochhaa- 'kya baranee bhar gayee ?' apane abatakake uttaronse sharminda vidyaarthiyonko phir 'haan' kahana pada़aa. ab unhonne mejake neeche rakha paaneeka ek gilaas uthaaya aur use baraneemen uda़el diya aur dekhate-dekhate us gilaasaka saara paanee bhee us baraneeke
atisookshm rikt sthaanonmen sama gayaa.
ab prophesar bole-'yah kaanchakee baranee hamaara jeevan hai, tebala-tenisakee gend eeshvaraka dhyaan hai, kankada़ hamaaree ghara-grihasthee, naukaree, makaana-jaisee aavashyakataaen hain, ret hamaare shauka-manoranjanakee baaten hain aur paanee jhagada़e, manamutaav, eershya aur dvesha-jaisee buraaiyonka prateek hai. agar tum baadavaalee chhotee cheejonse jeevanakee baraneeko pahale bhar doge to pahalevaalee koee bada़ee cheej isamen naheen a sakegee. lekin yadi pahalevaalee bada़ee cheejen pahale bharoge to baadavaalee chhotee cheejonkee gunjaaish banee rahegee. isaliye jeevanamen sabase pahale eeshvarapar dhyaan do, phir ghara-grihastheekee socho aur phir apane shauk poore karo, lekin saath hee yah koshish bhee karo ki baadamen paaneeroopee buraaiyaan kisee bhee sookshm raastese aakar jeevanakee madhur baraneekee raga-ragamen ghusapaith n kar len.

121 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



Bhajan Lyrics View All

मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा

New Bhajan Lyrics View All

कांधे तीर कमान मृग मत मारो श्री भगवान...
फिर ना मिले रे,
ऐसा समय सुहाना,
हाथ थमा कर बाबा को,
मन में रख विश्वाश,
मोहन बन गए नर से नार
छमछम नाचे कृष्ण मुरार
सोतेसोते सोने सा जीवन व्यर्थ गुजारा
अब तो पगले नींद छोड़ दे बजा काल नकारा