⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

अपनी कमाईका पकवान ताजा !  [Shikshaprad Kahani]
Hindi Story - Short Story (आध्यात्मिक कथा)

एक वृद्ध महाशय अपने बचपनके साथी श्यामजीके पुत्र रामजीके यहाँ आये। उन्होंने कहा-'बच्चे रामजी ! दुःख है कि श्यामजीको गुजरे साल बीत गया, पर मैं तुम्हारी खोज-खबर लेने नहीं आया। बेटा! अब तुम्हारे सिरपर कोई नहीं, समझ-बूझकर अच्छे चाल-चलनसे रहना। क्यों, सब ठीक चल रहा है न ?' बूढ़ा रामजीके चाल-चलनसे भलीभाँति परिचित था। उसे मालूम था कि वह बापका पैसा पानीकी तरह मौज-मस्ती और मित्रमण्डलीमें उड़ा रहा है।

रामजीने कहा—'चाचाजी, अब आप ही मेरे लिये पिताजीकी जगह हैं। बड़ा अच्छा हुआ जो आप आगये। कुछ ही दिनों बाद दीवाली है। चार दिन यहीं बिताइये। आपका मुझपर बहुत प्रेम है। बताइये, आपको कौन-सा पकवान अच्छा लगता है ? भगवान्की दयासे मुझे कोई कमी नहीं है।'

बूढ़ेकी पसंदका गूजा बना। मित्रमण्डली दीवालीके स्नान आदिसे निवृत्त हो भोजनको बैठी। बूढ़े चाचाजी भी पंक्तिमें आ बैठे। भोजन परोसा गया। चाचाजीकी थालीमें तला हुआ ताजा गूजा परोसा गया। मुँहमें रखते ही उन्होंने कहा- 'बेटा! गूजा बासी है, छिः !'

रामजीने समझाया- 'चाचाजी! गूजा अभी-अभी तलकर झरनेसे उतारा गया है। घी निथरनेपर आपकोपरोसा गया है। सारा सामान ताजा है। फिर आप बासी कैसे कह रहे हैं।'

बूढ़ेने कहा- 'बेटा! इसमें पचीस साल पुरानी गन्ध आ रही है। यह बहुत ही बासी है। मेरे साथी श्यामजीने कितने कष्टसे पैसा कमाया। उन्हें गुजरे एक ही साल हुआ, इसी बीच तुमने आधी सम्पत्ति उड़ा दी; तब आगे क्या करोगे! तुम अपने परिश्रमसे कमाये धनसे गूजा बनाते तोमैं उसे ताजा कहता। ताजा गूजा मुझे बड़ा ही पसंद है; पर मालूम पड़ता है कि वह मेरे नसीबमें नहीं।'

'बूढ़ेकी बातें सुन सभी मित्र सकपकाये। रामजीने उनके चरण छुए और कसम खायी कि अबसे मैं अपने श्रमकी ही रोटी खाऊँगा । अगले साल जरूर आइये, | आपकी पसंदका गूजा निश्चय खिलाऊँगा।'

-गो0 न0 बै0

(धेनुकथा-संग्रह)



You may also like these:

हिन्दी कहानी सत्संगका प्रभाव
हिन्दी कहानी ज्ञानपिपासु
हिन्दी कहानी अनूठी विरक्ति
हिन्दी कहानी सर्वोत्तम धन
हिन्दी कहानी श्रमकी महत्ता
हिन्दी कहानी पार्वतीकी परीक्षा


apanee kamaaeeka pakavaan taaja !

ek vriddh mahaashay apane bachapanake saathee shyaamajeeke putr raamajeeke yahaan aaye. unhonne kahaa-'bachche raamajee ! duhkh hai ki shyaamajeeko gujare saal beet gaya, par main tumhaaree khoja-khabar lene naheen aayaa. betaa! ab tumhaare sirapar koee naheen, samajha-boojhakar achchhe chaala-chalanase rahanaa. kyon, sab theek chal raha hai n ?' boodha़a raamajeeke chaala-chalanase bhaleebhaanti parichit thaa. use maaloom tha ki vah baapaka paisa paaneekee tarah mauja-mastee aur mitramandaleemen uda़a raha hai.

raamajeene kahaa—'chaachaajee, ab aap hee mere liye pitaajeekee jagah hain. bada़a achchha hua jo aap aagaye. kuchh hee dinon baad deevaalee hai. chaar din yaheen bitaaiye. aapaka mujhapar bahut prem hai. bataaiye, aapako kauna-sa pakavaan achchha lagata hai ? bhagavaankee dayaase mujhe koee kamee naheen hai.'

boodha़ekee pasandaka gooja banaa. mitramandalee deevaaleeke snaan aadise nivritt ho bhojanako baithee. boodha़e chaachaajee bhee panktimen a baithe. bhojan parosa gayaa. chaachaajeekee thaaleemen tala hua taaja gooja parosa gayaa. munhamen rakhate hee unhonne kahaa- 'betaa! gooja baasee hai, chhih !'

raamajeene samajhaayaa- 'chaachaajee! gooja abhee-abhee talakar jharanese utaara gaya hai. ghee nitharanepar aapakoparosa gaya hai. saara saamaan taaja hai. phir aap baasee kaise kah rahe hain.'

boodha़ene kahaa- 'betaa! isamen pachees saal puraanee gandh a rahee hai. yah bahut hee baasee hai. mere saathee shyaamajeene kitane kashtase paisa kamaayaa. unhen gujare ek hee saal hua, isee beech tumane aadhee sampatti uda़a dee; tab aage kya karoge! tum apane parishramase kamaaye dhanase gooja banaate tomain use taaja kahataa. taaja gooja mujhe bada़a hee pasand hai; par maaloom pada़ta hai ki vah mere naseebamen naheen.'

'boodha़ekee baaten sun sabhee mitr sakapakaaye. raamajeene unake charan chhue aur kasam khaayee ki abase main apane shramakee hee rotee khaaoonga . agale saal jaroor aaiye, | aapakee pasandaka gooja nishchay khilaaoongaa.'

-go0 na0 bai0

(dhenukathaa-sangraha)

122 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



Bhajan Lyrics View All

ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना

New Bhajan Lyrics View All

तुलसा घूम रही ब्रज धाम जाने कहां
इस खाटू वाले की कृपा का तोड़ कोई ना,
म्हारे बाबा जैसा इस दुनिया में होर कोई
झंडा लै के घुंघरआ वाला,
मैं दर तेरे आवा जोगिया,
हे भव भंजन हे शिव नंदन,
हे गजवंदन गाईये,
मंदिर में ढोलक बाजे ढोलक पे गणपति
धीरे धीरे नाचो रे गणेश ये दुनिया देख