Bhajan Sandhya By Poornima Yadav Ji in October, 2015 At Vrindavan
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
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लुटा दिया भंडार शेरावाली ने,
कर दिया मालामाल मेहरवाली ने,
फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू इतर की आई है॥
आ गया मैं दुनियादारी,
सारी बाबा छोड़ के,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरन मे आए हैं,
॥दोहा॥
जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि