क्या हो तो जानना चाहिए कि भगवान विशेष कृपा बरसाने को त्यार हैं?

भगवान के दरबार की सबसे ऊंची चीज है सत्संग। जीवन मुक्त महापुरुष भी सत्संग चाहते हैं। भगवान शंकर भी सत्संग चाहते हैं । सत्संग अपने […]

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भगवान को सब समर्पित कैसे करें?….सोचो कब तक हम बोझा ढोते रहेंगे?

जो भी तुम्हारे को अपना लगता है वह प्रभु को समर्पित कर दो। कहो….मालिक अभी तक झूठे अभिमान के कारण मैं इन्हें अपना मानता रहा […]

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अन्याय का फल कभी शुभ नहीं हो सकता

एक गाँवमें दो मित्र रहते थे। एकका नाम था धर्मबुद्धि, दूसरेका दुष्टबुद्धि। वे दोनों एक बार व्यापार करने विदेश गये और वहाँसे दो हजार अशर्फियाँ […]

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बचपन की मित्रता भूलने से कैसे बहुत बड़े बड़े अनर्थ हो सकते हैं

पांचाल देशके राजकुमार द्रुपद और द्रोणने ऋषि भरद्वाजके आश्रममें रहते हुए एक साथ अस्त्र-शस्त्रोंके संचालनकी विद्या सीखी। पिताकी मृत्यु हो जानेपर पुत्र द्रुपद पांचालनरेश बने। […]

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एक गौरैया कैसे भगवान ही प्रिय और घर की उन्नति करवाने वाली बन गई?

बात त्रेतायुग – श्रीरामके समयकी है। सुतीक्ष्ण ऋषिके आश्रम में बहुत-से ऋषि एक समूहमें साथ रहते थे। उस समय रावणके सैनिकोंद्वारा आतंक फैलाया जा रहा […]

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