वैष्णव जन तो तेने कहिये,जे पीड परायी जाणे रे Lyrics
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे ।पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे ॥ सकल लोकमां सहुने […]
Read moreRas of Braj / Vrindavan
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे ।पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे ॥ सकल लोकमां सहुने […]
Read moreThe four main Vaishnav Sampradayas: 1. Sri Sampradaya (Sri Vaishnavism): Sri Sampradaya (Sri Vaishnavism) – Detailed Overview: Sri Sampradaya, also known as Sri Vaishnavism, is […]
Read moreवैसे तो भगवान का नाम किसी भी प्रकार लिया जाए तो वह मंगल ही करता है। भगवान का नाम लेने में कोई भी विधि समय […]
Read moreभगवान के दरबार की सबसे ऊंची चीज है सत्संग। जीवन मुक्त महापुरुष भी सत्संग चाहते हैं। भगवान शंकर भी सत्संग चाहते हैं । सत्संग अपने […]
Read moreजो व्यक्ति अपने जीवन से संतुष्ट है, उसे जो भी मिला है वह उसमें भगवान की कृपा का अनुभव करता है ऐसे व्यक्ति को कभी […]
Read moreजो भी तुम्हारे को अपना लगता है वह प्रभु को समर्पित कर दो। कहो….मालिक अभी तक झूठे अभिमान के कारण मैं इन्हें अपना मानता रहा […]
Read moreएक गाँवमें दो मित्र रहते थे। एकका नाम था धर्मबुद्धि, दूसरेका दुष्टबुद्धि। वे दोनों एक बार व्यापार करने विदेश गये और वहाँसे दो हजार अशर्फियाँ […]
Read moreपांचाल देशके राजकुमार द्रुपद और द्रोणने ऋषि भरद्वाजके आश्रममें रहते हुए एक साथ अस्त्र-शस्त्रोंके संचालनकी विद्या सीखी। पिताकी मृत्यु हो जानेपर पुत्र द्रुपद पांचालनरेश बने। […]
Read moreएक धनी व्यक्तिके घरमें आग लग गयी। बाहर निकलनेका केवल एक दरवाजा था। वहाँ एक कमरेमें बहुत-से बच्चे खेल रहे थे। धनी व्यक्तिने कहा- ‘जल्दी […]
Read moreबात त्रेतायुग – श्रीरामके समयकी है। सुतीक्ष्ण ऋषिके आश्रम में बहुत-से ऋषि एक समूहमें साथ रहते थे। उस समय रावणके सैनिकोंद्वारा आतंक फैलाया जा रहा […]
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